प्राइस कंट्रोल के लिए ये है सरकार की प्लानिंग

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NEWS DESK: WORTHEUM, PUBLISHED BY: HEENA MANSURI, 5TH AUG 2022, 11:58 AM IST

देश में पिछले कुछ दिनों से महंगाई में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा निराशा खाने-पीने के सामानों की बढ़ती कीमतों के मोर्चे पर लगा है. पिछले कुछ दिनों में गेहूं के दाम में भी तेज इजाफा देखने को मिला है. अब गेहूं के तेजी से बढ़ते दामों को कंट्रोल में लाने के लिए सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है. इसी के मद्देनजर सरकार अगस्त के तीसरे हफ्ते में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक मीटिंग भी बुला सकती है.

कौन-कौन होगा मीटिंग में शामिल?

सरकार के साथ गेहूं की कीमतों पर मीटिंग में मिल मालिक, एग्रीकल्चर कंपनियां, और निर्यातकों के शामिल होने की संभावना है. सरकार की इस मीटिंग में OMSS के तहत गेहूं उपलब्ध कराने पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा गेहूं पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने पर चर्चा होने की भी संभावना है.

गेहूं की कीमत लिमिट से बढ़ने पर सरकार लेगी एक्शन

मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो, अगर गेहूं के उपलब्ध ना होने पाने की समस्या बनी रहती है और गेहूं के कीमतों की एक सीमा से आगे बढ़ती है तो सरकार इस पर दखल देगी. राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में खाद्य मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि, मौजूदा स्थिति में 1 जुलाई 2022 तक गेहूं का केंद्रीय पूल स्टॉक खाद्यान्न भंडारण मानदंडो से काफी ऊपर है.

कितना है भारत का गेहूं निर्यात

आंकड़ों बताते हैं कि, साल 2021-22 में भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 70 लाख टन यानी 2.05 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था. डीजीएफटी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 फीसदी गेहूं की खेप बांग्लादेश भेजी गई थी. पिछले साल इसी अवधि में 1,30,000 टन के मुकाबले देश ने इस साल लगभग 9,63,000 टन गेहूं का निर्यात किया. भारत को 2022-23 में एक करोड़ टन गेहूं का निर्यात करने की उम्मीद थी.