दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस चालकों की मनमानी आई सामने

in #faridabad2 years ago (edited)

दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस चालकों की मनमानी साने आई है 20220706_093032.jpg, दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सरकारी एंबुलेंस चालकों और निजी अस्पताल संचालकों की मिलीभगत का मामला सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि सरकारी एंबुलेंस चालक निजी अस्पतालों संचालकों के साथ मिलीभगत कर सरकारी अस्पताल से दिल्ली रेफर होने वाले मरीजों को कमीशन के लालच में आस पास के निजी अस्पतालों में भर्ती कर मोटा कमीशन वसूल रहे हैं। इस मामले में जब सिविल सर्जन फरीदाबाद डॉक्टर विनय गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे पर आकर कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया।जानकारी के मुताबिक एक युवक है जो स्विमिंग पूल में नहाते समय डूब गया था लेकिन उसके साथ नहाने गए अन्य युवकों ने उसे बचा लिया डूबने के चलते उसकी तबियत काफी बिगड़ गई जिसे सिविल अस्पताल बादशाह खान में इलाज के लिए लाया गया। हालत गंभीर देखते हुए सिविलअस्पताल बादशाह खान के डॉक्टरों ने उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए रेफर कर दिया इसके लिए सरकारी एंबुलेंस बुलाई गई लेकिन सरकारी एंबुलेंस चालक कन्हैया और उसके साथ बैठे ईएमटी कृपाराम ने उन्हें सरकारी अस्पताल से निकलते ही डराना और बरगलाना शुरू कर दिया और उन्हें उनके बेटे कि ज्यादा हालत बिगड़ने की बात कहकर डरा दिया और निजी अस्पताल वेदांता में भर्ती करा दिया।गौरतलब है की सरकारी एंबुलेंस चालकों के साथ मिलीभगत है यह कोई पहला मामला नहीं है वेदांता अस्पताल के साथ-साथ फरीदाबाद में तमाम निजी अस्पताल ऐसे हैं जिनके साथ मिलकर सरकारी एंबुलेंस चालक मरीज भेजकर मोटे कमीशन का खेल खेल रहे हैं । आसमानी शर्ट में दिखाई दे रहा यह एंबुलेंस चालक कन्हैया है और कैमरे पर मुंह छुपाता दिखाई दे रहा यह एंबुलेंस का ईएमटी कृपाराम है जिससे मरीज को दिल्ली में भर्ती न करवा कर निजी अस्पताल में भर्ती करवाने के पीछे कारण पूछने कृपाराम कैमरे से मुंह छुपाता दिखाई दे रहा है। इस मामले में जब मरीज की मां से बात की गई उन्होंने कैमरे पर बताया कि उन्हें तो सरकारी अस्पताल से दिल्ली रेफर किया गया था लेकिन एंबुलेंस चालक उन्हें निजी अस्पताल में ले आया। वहीं दूसरी बड़ी लापरवाही फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में ही देखने को मिली जब एक नवजात बच्ची को इलाज के लिए डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया जिसके बाद बच्ची के पिता एम्बुलेंस लेने के लिए एंबुलेंस कंट्रोल रूम में गए लेकिन एंबुलेंस कंट्रोल रूम से उसे बच्ची को कंट्रोल रूम तक लाने के लिए कह दिया जिसके बाद बच्ची का पिता अपनी नवजात बच्ची को गोद में उठाकर कंट्रोल रूम पर ले जाता दिखाई दिया। यह दोनों मामले की वीडियो सामने आने के बाद जब इस मामले में फरीदाबाद के सिविल सर्जन डॉ विनय गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे पर आकर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया । इससे साफ पता चलता है कि कहीं ना कहीं इस पूरे कारनामे में एम्बुलेंस कंट्रोल रूम के फ्लीट मैनेजर और अस्पताल के बड़े अधिकारियों के मिलीभगत से ही ये खेल खेला जा रहा है।20220706_093013.jpg