हर घंटे 3 पेड़ खो देती है दिल्ली, जानिए किस इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ों की कटाई
नई दिल्ली : हर साल पर्यावरण दिवस (Environment Day) के दिन पेड़ों, पौधरोपण और धरती को बचाने जैसी तमाम बातें होती हैं, लेकिन हकीकत कोसों दूर नजर आती है. दूरदराज इलाकों की नहीं, दिल्ली की भी यही हकीकत है. सरकारी आंकड़ों से ही यह सामने आया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हर घंटे 3 पेड़ों को खो देती है. दिल्ली के वन विभाग ने बताया है कि विकास के नाम पर पिछले तीन सालों में 77 हजार पेड़ों को काटने (Delhi Trees Cut) की मंजूरी दी गई है.हाईकोर्ट में हाल ही में सौंपे दिल्ली सरकार के वन विभाग (Forest department) के आंकड़ों ने ये सच्चाई बयां की है. यह भी पता चला है कि जो भी नए पौधे लगाए जाते हैं, उनमें से एक तिहाई भी पेड़ों में तब्दील नहीं हो पाते हैं.
दिल्ली सरकार ने 2019 से 2021 के बीच 52 नोटिफिकेशन जारी किए और 15426 पेड़ काटने और 32048 के ट्रांसप्लांटेशन की मंजूरी दी. हाईकोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में सरकार ने माना है कि एक जगह से हटाकर दूसरी जगह लगाए गए एक तिहाई पेड़ ही जिंदा रह पाते हैं. इन तीन सालों में पेड़ों को काटने के बदले जिम्मेदार एजेंसियों ने 1,58, 522 पौधे लगाए , जबकि उन्हें 4,09,046 पौधे लगाने थे. एक पेड़ काटने के बदले दस पौधे (saplings) लगाने का शर्त है, लेकिन इनका पर्याप्त रखरखाव नहीं होता है. गैरकानूनी तरीके से पेड़ काटने, नुकसान पहुंचाने, उनके चारों ओर कंक्रीट बिछाने की भी तमाम घटनाएं हुई हैं. ज्यादातर मामलों में आरोपियों ने जुर्माना तक नहीं भरा.