पर्यावरण की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिये वन कर्मी देते है सर्वश्रेष्ठ योगदान
तालाब में फंसे चीतल को सूझबूझ से रेस्क्यू टीम ने निकाला बाहर
मंंडला . कान्हा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत बफर जोन वनमंडल में वन परिक्षेत्र समनापुर के जंगल से लगा एक जैरासी ग्राम है। जहाँ ग्राम के बीच में एक तालाब है। प्रातकालीन एक ग्रामीण ने देखा कि एक चीतल तालाब में पानी पीने के लिये आया, तभी उसे देखकर ग्राम के कुत्ते पीछा करने लगे और जोर-जोर से भौकने लगे। चीतल डर कर तालाब के अंदर की ओर भागने लगा एवं कीचड़, दल-दल और पानी की वनस्पतियाँ में बुरी तरह से फंस गया। जैरासी ग्राम के ग्रामीण द्वारा वन विभाग के वन श्रमिक को इस घटना के बारे में अवगत कराया। वन श्रमिक द्वारा तत्काल इस घटना की संपूर्ण जानकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी, समनापुर को दी गई।
भावसे क्षेत्र संचालक एसके सिंह के मार्गदर्शन एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीमति सीता जमरा के नेतृत्व में तुरंत रेस्क्यू टीम मौके पर पहँुचकर वन्यप्राणी चीतल को अपने सूझ-बूझ से सुरक्षित बाहर निकाला एवं जंगल में सुरक्षित पहुँचाया गया। रेस्क्यू के दौरान वन श्रमिक केवल सिंह धुर्वे एवं मनीराम मरकाम ने बड़ी हिम्मत से दल-दल वाले तालाब के अंदर जाकर चीतल को सफलतापूर्वक बाहर निकालने में साहस दिखाया व सराहनीय कार्य किया। रेस्क्यू दल में परिक्षेत्र सहायक, पण्ड्रापानी जेपी चौरसिया, घनश्याम सैयाम, वनरक्षक जैरासी, नरेन्द्र यादव, वनरक्षक पण्ड्रापानी, वनश्रमिक केवल, मनीराम, सुरेश धुर्वे ने साथ रेस्क्यू कार्या किया गया।
इसके पूर्व में भी कान्हा टाईगर रिजर्व के अंतर्गत सूपखार परिक्षेत्र के पीपरवाड़ा तालाब में ऐसी ही घटना घटित हुई थी। जिसमें एक अनुशासित, बहादुर और कर्मठ वनरक्षक गश्ती के दौरान तालाब में फंसे चीतल को बचाने के लिये तालाब में उतरा और फंसे चीतल को कीचड़, दल-दल से बाहर निकाला और स्वयं दल-दल एवं पानी की वनस्पतियों के जाल में उलझ कर शहीद हो गया था लेकिन ऐसी घटना घटने के बावजूद भी आज भी कान्हा टाईगर रिजर्व की टीम हमेशा वन व वन्यप्राणी और पर्यावरण की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिये अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान व सर्वोत्तम प्रयास के लिए प्रयत्नशील रहते हैं एवं अपनी जान की परवाह किये बिना भी वन एवं वन्यप्राणियों को बचाने के लिये सदैव तैयार रहते हैं।
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