दक्षिण अफ्रीका की गुफाओं में मिला 32 लाख साल पुराना ऐसा खजाना

in #news2 years ago

इंसानी सभ्‍यता का विकास हमेशा से एक गंभीर चर्चा का विषय रहा है. आज भी लोग ये जानने को उत्सुक हैं कि आखिर मानव जीवन ने विकास कैसे किया. ऐसे में दक्षिण अफ्रीका से आ रहीं खबरें इस बात की उम्मीदों को और मजबूत करती हैं जल्द ही इंसानी सभ्‍यता का नया इतिहास लिखा जा सकेगा. दरअसल, स्‍ट्रेकफोनटेन गुफाओं में कुछ ऐसे जीवाश्‍म मिले हैं जिनके बारे में विशेषज्ञ सभ्‍यता के विकास पर नए सिरे से विचार करने लगे हैं.

मिला 32 लाख साल पुराना जीवाश्म
एक नई रिसर्च के अनुसार 30 से 40 लाख साल पुराने बताए जा रहे ये जीवाश्म ही इंसानों के विकास की वजह बने हैं. इन खोजे गए जीवाश्‍म पर वैज्ञानिकों का मानना है कि ये मानव विकास के इतिहास की नई कड़ी लिखेंगे. वैज्ञानिकों ने इस जीवाश्म को 32 लाख साल पुराना बताया है. इसके साथ ही बताया गया है कि ये लूसी प्रजाति का जीवाश्‍म हैं. इन्हें इंसानों का पूर्वज माना जाता है.

लूसी प्रजाति का है जीवाश्म
फिलहाल में इंसानों की कड़ी में होमो सैपियंस ही अकेले बचे मानव हैं. इससे पहले हुई कई रिसर्च में ये देखा गया कि होमो के पूर्वजों में की उम्मीदवारी में सबसे आगे ऑस्ट्रेलोपिथेकस जाति को माना गया. ये प्रजाति 4.1 मिलियन साल से 2.9 मिलियन साल तक जिंदा रही. ऑस्ट्रेलोपिथेकस दक्षिणी बंदर को कहा गया, लूसी प्रजाति भी इसी के अंतर्गत बताई जाती है.

लूसी प्रजाति का पता साल 1974 में इथियोपिया में चला था. जब उसकी हड्डियां मिलीं तो उसे दुनिया की सबसे पुरानी हड्डियों के तौर सहेजा गया. प्राचीन इंसानों का ये सबसे पुराना और पूर्ण कंकाल था जिसमें इंसान शामिल थे और ये प्रजाति जानवरों की तुलना में इंसानों के सबसे करीब थी.

लूसी है सबसे पुरानी प्रजाति
दक्षिण अफ्रीका की जिन गुफाओं में ऑस्ट्रेलोपिथेकस जीवाश्‍म का पता चला है, उसे इंसानों की उत्‍पत्ति की जगह माना जाता है. साल 1936 में एक व्‍यस्‍क ऑस्ट्रेलोपिथेकस का पता लगा था, जिसके बाद ये जगह प्रसिद्ध हो गई थी. कई दशकों बाद यहीं फिर से वैज्ञानिकों को जीवाश्‍म मिले थे जिसे ऑस्ट्रेलोपिथेकस प्रजाति का बताया गया था.

वैज्ञानिकों के अनुसार ये जीवाश्‍म ज्यादा पुराने नहीं हैं. ये 2.1 मिलियन से 2.6 मिलियन साल के समय के हैं. इथियोपिया में करीब 2.8 मिलियन साल पुराना जीवाश्‍म मिला था, जिसे सबसे पुराना इंसानी जीवाश्म माना गया था. वैज्ञानिकों ने अक्‍सर कहा है कि पूर्वी अफ्रीका की ऑस्ट्रेलोपिथेकस प्रजाति जैसे कि लूसी ही इंसानों की सबसे पुरानी प्रजाति है.GettyImages-478411285-scaled_62c41a8d12ab1.jpg