खैर एसडीएम को ज्ञापन देकर लेखपाल संघ ने बताई अपनी पीड़ा

in #aligarh2 years ago

अलीगढ़ त्रूटिपूर्ण पंजीकरण के लिए कृषि विभाग की कोई जिम्मेदारी फिक्स नही

खैर IMG-20220717-WA0008.jpgकिसान सम्मान निधि का पूरा पूरा काम पुनः करने में असमर्थ है लेखपाल

अलीगढ़ खैर एसडीएम संजय मिश्रा को ज्ञापन देते हुए लेखपाल संघ ने कहा कि किसान सम्मान निधि का पूरा का पूरा कार्य उनके द्वारा किया जाता है और फीडिंग का कार्य कृषि विभाग द्वारा किया जाता है लेखपाल संघ ने कहा कि फीडिंग में तमाम गलतियां कृषि विभाग द्वारा की जाती है जिसका खामियाजा लेखपालों को भुगतना पड़ता है उन्होंने कहा कि पुनः पूरा का पूरा काम करने में लेखपाल असमर्थ है ज्ञापन का नेतृत्व जिला अध्यक्ष रामप्रकाश शर्मा ने किया है इस मौके पर संगठन के महामंत्री समेत तमाम लेखपाल मौजूद है लेखपालों ने कहा कि 01-02-2019 से किसान सम्मान निधि योजना प्रारंभ हुई जिसमें पहले चरण में कृषि विभाग द्वारा एक सूची (खाद बीज कृषि यंत्रों की सब्सिडी के लिए पंजीकृत) किसानों के नाम की दी गई पात्रता के मानदंड पर जांच हेतु उक्त सूची में योगी पुत्र मोदी, राहुल पुत्र गांधी, त्यागी पुत्र पंडित, अथवा एक ही वल्दियत के साथ 10-10 काल्पनिक नाम शामिल थे, बैंक अकाउंट, आधार नंबर, मोबाइल नम्बर बिल्कुल फर्जी थे। सूची 30% से 60% तक फर्जी/त्रूटिपूर्ण थी।

ज्ञापन के माध्यम से लेखपाल संघ ने कहा कि त्रूटिपूर्ण पंजीकरण के लिए कृषि विभाग की कोई जिम्मेदारी फिक्स नहीं की गई और लेखपालों से इस प्रकार की सूची पर कार्य करवाया गया कृषि विभाग द्वारा जिस सूची पर 2015 से सब्सिडी जारी की जा रही थी ,वह अत्यधिक त्रूटिपूर्ण होने के कारण" लेखपालों को नए सिरे से सर्वे करके पंजीकरण कराने के लिए निर्देश दिए गए लेखपालों ने गांवों में जाकर किसानों से डाटा (बैंक पास बुक, आधार कार्ड,नकल खतौनी) संकलित किया तथा घोषणा पत्र भरवा कर, सूची तैयार की जिसमें किसान का नाम, पिता का नाम, राजस्व ग्राम, भूमि का विवरण (खसर/खतौनी की संख्या आदि) के साथ आधार कार्ड संख्या, मोबाइल नंबर, बैंक खाता आदि समस्त विवरण दर्ज कर पात्र/अपात्र लिख कर हस्ताक्षर किए गए थे।

उक्त सूची के अनुसार डाटा जिला कृषि अधिकारी के पर्यवेक्षण में जनसेवा केंद्र,व अन्य विभागों के कम्यूटर सिस्टम एवं आपरेटर मंगवा कर एक सेंटर पर राजस्व कर्मियों द्वारा फ़ीड करवाया गया था।उसी आधार पर कृषि विभाग द्वारा किसान सम्मान निधि किसानों को जारी की गई। इस पोर्टल की लागिन आई डी कृषि विभाग के पास ही थी उक्त वृहद अभियान से छूट गये अथवा विरासत के आधार पर खतौनी में दर्ज होने वाले किसानों ने बीज गोदामों पर कम्यूटर सहायक के माध्यम से, जनसेवा केंद्र पर कृषि विभाग के पोर्टल पर तथा विकास खंडों में कैम्प के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाए गए ,इन नए रजिस्ट्रर्ड किसानों का सत्यापन तहसील के माध्यम से लेखपालों से करवाया गया उसके बाद उन्हें कृषि विभाग द्वारा किसान सम्मान निधि की किश्त जारी की गई है मई- जून 2022 में भी एक अभियान चला कर किसान सहायक द्वारा पंचायत विभाग के पंचायत सहायक, सफाई कर्मचारी, आंगनबाड़ी आदि के सहयोग से डोर टू डोर सत्यापन किया गया है।

खैर एसडीएम संजय मिश्रा को ज्ञापन देकर लेखपाल संघ ने कहा कि इसके बाद पूरा का पूरा काम पुनः लेखपालों से करवाया जा रहा है। लेखपाल इस समय खसरा आनलाइन फीडिंग एवं घरौनी (स्वामित्व) योजना के व्यापक कार्य के साथ साथ खतौनी निर्माण,अंश निर्धारण, के समय बद्ध कार्यो के बोझ तले दबा हुआ आई जी आर एस, समाधान दिवस, जनता दर्शन व अन्य विविध संदर्भों के निस्तारण कर रहा है। दिन में फील्ड में काम करता है और रात में खसरा व घरौनी कम्यूटर पर फीडिंग कराता है। आर्थिक, मानसिक व शारीरिक रूप से लेखपाल टूट चुका है। ऐसे में किसान सम्मान निधि का पूरा का पूरा काम तीसरी बार करने में लेखपाल असमर्थ हैं।

ज्ञापन के माध्यम से लेखपालों ने कहा कि यदि पोर्टल पर/कृषि विभाग के पास लाभार्थियों की भूमि का डाटा उपलब्ध नहीं है तो फिर अब तक उन किसानों को किसान सम्मान निधि का वितरण किस आधार पर किया जा रहा है?क्या इसके लिए कृषि विभाग की जिम्मेदारी फिक्स कर दी गई है कि कभी फर्जी/गलत किसान/डाटा के आधार पर खाद बीज कृषि यंत्रों की सब्सिडी जारी की जा रही थी तो अब बिना भूमि के डाटा के किसान सम्मान निधि का वितरण किया जा रहा है भारत सरकार द्वारा फील्ड सर्वे के कार्य के लिए इंसेंटिव, आदि के लिए तीन किश्तों में (5+2.5+2.5) कुल 10 रू प्रति लाभार्थी बजट का प्रावधान किया था। उक्त पूरा बजट क़ृषि विभाग डकार गया जो बार बार फर्जी/त्रूटिपूर्ण डाटा के आधार पर सब्सिडी/किसान सम्मान निधि का वितरण कर रहा है।

लेखपालों ने दो दो बार बड़े स्तर पर कार्य करने के बाद भी अब तक रजिस्ट्रेशन होने वाले किसानों का सत्यापन साथ साथ किया है और भारत सरकार के इंसेंटिव/प्रशासनिक बजट (10 रू प्रति लाभार्थी) में से एक भी रूपया लेखपाल को किसी जनपद में भुगतान नहीं किया गया ऐसी स्थिति में लेखपाल किसान सम्मान निधि का पूरा पूरा काम पुनः करने में असमर्थ है।भारत सरकार के इंसेंटिव/प्रशासनिक बजट (10 रू प्रति लाभार्थी)का भुगतान लेखपालों को किया जाए।

यदि पंजीकृत किसानों की सूची में से 5-10% नाम कृषि विभाग द्वारा बिना कृषि भूमि विवरण के/त्रूटिपूर्ण दर्ज कर लिए हों और कृषि विभाग द्वारा उनका सत्यापन न हो रहा हो अथवा ऐसे नाम जो 01-02-2019 के बाद खतौनी में आएं हो,का रजिस्ट्रेशन किया गया हो तो उनकी सूची नाम पिता का नाम, भूमि का जो भी विवरण (राजस्व ग्राम,खसरा/ खतौनी संख्या ) उपलब्ध हो सहित किसान सहायक को देकर लेखपालों के सहयोग से कृषि भूमि का डाटा पूर्ण कराया जा सकता है और कृषि भूमि के आधार पर पात्र/अपात्र (ऐसे किसान जिनका नाम खतौनी में 01-02-20219 को अंकित था अथवा उसके बाद केवल विरासत के आधार पर अंकित हुए हैं, पात्र होंगे शेष अपात्र)का सत्यापन किया जा सकता है। इतना सहयोग लेखपाल कर सकते हैं, पूरा का पूरा काम पुनः नहीं कर सकते। इंसेंटिव का भुगतान लेखपालों को कराने की कृपा करेंIMG-20220717-WA0009.jpg