भोपाल बादलों ने डाला डेरा दोपहर बाद शहर में छाए बादल

in #weather2 years ago

भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। अलग–अलग स्थानों पर बनी पांच मौसम प्रणालियों के कारण मिल रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है।
इसी क्रम में शुक्रवार को दोपहर में राजधानी में झमाझम बारिश हुई। दो घंटे में 80.2 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शनिवार को भी दोपहर के बाद गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक भोपाल शहर में 80.2, उमरिया में 42.6, छिंदवाड़ा में 40.2, जबलपुर में 35, सतना में 15.1, पचमढ़ी में 14, रायसेन में 9.4, मंडला में आठ, दतिया में 4.6, खंडवा में तीन, धार में 2.3, मलाजखंड में दो, बैतूल में 1.6, खजुराहो में 1.4, नर्मदापुरम में 1.2, गुना में 0.9, सागर में 0.8, नौगांव में 0.2, रतलाम में 0.1 मिलीमीटर वर्षा हुई।

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राजधानी का न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य रहा। साथ ही यह शुक्रवार के न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सेल्सियस की तुलना में 0.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। जो सामान्य रहा था, लेकिन गुरुवार के अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 4.9 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा था। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव ने बताया कि वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी मौजूद रहने के कारण राजधानी सहित विभिन्न जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही हैं। शनिवार को सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। तापमान बढ़ने के कारण दोपहर के बाद शहर में गरज–चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस चक्रवात से लेकर पश्चिम-मध्य अरब सागर तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई है। अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। पूर्व-पश्चिम द्रोणिका लाइन पश्चिमोत्तर राजस्थान से लेकर दक्षिणी उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होते हुए पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। दक्षिणी गुजरात से दक्षिणी महाराष्ट्र तट के समानांतर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। इन मौसम प्रणालियों के कारण गरज-चमक के साथ वर्षा हो