MP के पेंच टाइगर रिजर्व में 'बघीरा

in #bagheera2 years ago

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इस बार फीमेल ब्लैक पैंथर की साइटिंग
देखिए इस खूबसूरत जानवर की मस्ती...

फिल्म जंगल बुक में मोगली का दोस्त बघीरा तो आपको याद ही होगा। जिसे हम ब्लैक पैंथर कहते हैं। मध्यप्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में इसी बघीरा की साइटिंग हुई है, यह किसी रोमांच से कम नहीं है। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर ऋतुराज जैसवाल ने इस ब्लैक पैंथर को अपने कैमरे में कैद किया है। वे छह महीने से इसकी तलाश में थे। ऋतुराज ने द ब्लैक पैंथर मिलने की कहानी बताई....
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शुक्रवार शाम 5 बज रहे होंगे। पेंच टाइगर रिजर्व के बफर जोन का खवासा गेट...। बादल छाए थे। टाइगर रिजर्व की जंगल सफारी (जिप्सी) में ड्राइवर, गाइड और मैं था। सफारी अपनी धीमी चाल से चल रही थी। अचानक पेड़ पर ब्लैक पैंथर नजर आया। वह फुर्ती से इधर-उधर उछल-कूद कर रहा था। मेरा कैमरा पहले से तैयार था। उतनी ही तेजी से मैंने भी उसकी मस्ती को कैमरे में कैद किया। इसके साथ ही छह महीने से चल रही हमारी खोज भी पूरी हुई। यह खोज इसी साल मार्च में शुरू हुई थी।
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तीन दिन से नजर आ रहा काला तेंदुआ

सिवनी जिले के पेंच नेशनल पार्क के खवासा बफर क्षेत्र में बघीरा (काला तेंदुआ) नजर आया। उसे देखने के लिए बंगाल, नासिक, मुंबई और महाराष्ट्र के कई शहरों के अलावा अन्य महानगरों से सैलानी पहुंच रहे हैं। ये तेंदुआ बीते तीन दिनों से नजर आ रहा है। पेंच पार्क प्रबंधन ने भी फेसबुक पेज पर भी इसका वीडियो पोस्ट किया है।

6 महीने पहले मिला वीडियो, शुरू कर दी खोज

ऋतुराज बताते हैं कि 6 महीने पहले ब्लैक पैंथर का वीडियो मिला था, तभी से इसे सर्च कर रहे थे। पहली बार फीमेल ब्लैक पैंथर मिली है। नॉन टूरिज्म सफारी (जिप्सी) से सर्च किया। पेंच टाइगर रिजर्व का खवासा बफर जोन में है। यह एमपी-महाराष्ट्र के बॉर्डर का गांव है। मेरे घर से सिर्फ एक किलोमीटर दूर बफर जोन का गेट है। जंगल सफारी में जाने वाले ड्राइवर्स ने बेनिफिट दिए। ब्लैक पैंथर की मां नॉर्मल लेपर्ड है। इसके दो भाई-बहन हैं, जो सामान्य हैं। इससे पहले भी इस फीमेल लेपर्ड ने एक और ब्लैक लेपर्ड को जन्म दिया था। वह महाराष्ट्र के जंगल एरिया में मूव हो गया। अब मध्यप्रदेश में एक ही ब्लैक पैंथर बचा है।
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दो साल पहले 2020 में दिखा

ब्लैक पैंथर दो साल पहले जुलाई 2020 में इसी बफर जोन में भी दिखा था। अनुमान लगाया जा रहा था कि वर्तमान में भी वही तेंदुआ दिखाई दे रहा है। जानकारों के अनुसार खवासा बफर में दिखा काला तेंदुआ अलग है। इसकी उम्र करीब नौ महीने बताई जा रही है। पार्क प्रबंधन के मुताबिक जुलाई 2020 में दिखाई देने वाला काला तेंदुआ महाराष्ट्र क्षेत्र में चला गया था। अब दूसरा दुर्लभ काला तेंदुआ सैलानियों को आकर्षित कर रहा है।

'द जंगल बुक' के प्रमुख किरदार हैं बधीरा मोगली

रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध किताब 'द जंगल बुक'

और उस पर बने धारावाहिक के प्रमुख किरदार भेड़िया

और मोगली की जन्मभूमि पेंच राष्ट्रीय उद्यान को माना

जाता है। मोगली और ब्लैक पैंथर बघीरा के बीच गहरी

दोस्ती के किस्से भी प्रसिद्ध हैं। एक जमाने में यह

धारावाहिक देश में प्रसिद्ध हुआ था। कहानी के इसी पात्र

बघीरा से काले तेंदुए को जोड़ा जा रहा है।

अलग प्रजाति नहीं है काला तेंदुआ

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि काला तेंदुआ भी अन्य तेंदुओं की तरह ही होता है। यह अलग से कोई प्रजाति नहीं है। केवल जेनेटिक म्यूटेशन के कारण इनका रंग काला हो जाता है। इसी कारण ऐसे तेंदुओं की उपलब्धता किसी भी घने और नमी वाले जंगलों में हो सकती है।

ये पहले वाले तेंदुए का शावक भी हो सकता है

पेंच के एसडीओ वीपी तिवारी ने बताया कि टाइगर रिजर्व के खवासा बफर में यह ब्लैक पैंथर नजर आ रहा है। इसकी औसतन आयु 9 से 10 महीने है। देश के जितने भी टाइगर रिजर्व है, उसमें सिर्फ पेंच टाइगर रिजर्व में ब्लैक पैंथर नजर आया है। पहले भी एक ब्लैक पैंथर पेंच नेशनल पार्क में था। हो सकता है, यह उसी का शावक हो ।