सावन के उत्सव में दिखेंगे कई रंगों की छटा से परिपूर्ण मंदिर

in #wortheum2 years ago

अयोध्या। सावन माह प्रारम्भ होते ही राम नगरी अयोध्या में उत्सव को कई रंगों में मनाए जाने की तैयारी है। जिसे देखने के लिए देश दुनिया से लाखों भक्त अयोध्या पहुंचेंगे। सावन माह भगवान शिव की आराधना का महत्व है। लाखों शिव भक्त अयोध्या के पवित्र सरयू जल लेकर अयोध्या सहित आसपास के जनपदों के शिव मंदिरों के लिए आकर्षक झांकी व डीजे के धुन पर नाचते गाते रवाना होते हैं। वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में भगवान के झूलनोत्सव का आयोजन भी शुरू हो जाएगा है।

शाम होते ही भगवान सोने चांदी से बने झूले पर विराजमान होकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किया जाएगा। जो भक्तों के लिए आकर्षक का केंद्र होगा।14 जुलाई से सावन माह की शुरुवात हो रही है। लाखों की संख्या में कांवड़िया अयोध्या पहुँचेगे। इस दौरान अयोध्या के चारों तरफ केसरिया रंग दिखाई देगा। और जहां सरयू का जल लेकर अयोध्या की प्राचीन और द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक नागेश्वर नाथ मंदिर में जलाभिषेक के बाद बस्ती के भदेश्वरनाथ व अंबेडकर नगर के शिव बाबा धाम के लिए रवाना होंगे। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्र साइट कांवरिया भगवान शिव के अलग-अलग स्वरूपों की झांकी लेकर डीजे के धुन पर नाचते गाते यात्रा की शुरुआत करेंगे। वहीं इस यात्रा को लेकर शासन का प्रशासन विशेष सुरक्षा का जाल तैयार कर रही है सरयू घाट से लेकर शिव मंदिर तट विशेष सुरक्षा में लगाई जाएंगी और पूरे कावड़ यात्रा की निगरानी सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरे से कराई जाएगी।1657522948078.jpg

अयोध्या में झूलनोत्सव की शुरुवात सावन शुक्ल पक्ष तृतीया से शुरू होगी। उसके पहले मणिपर्वत, कनक भवन, जानकी महल, राम बल्लभा कुंज, राज गोपाल, सहित सैकड़ों मंदिरों में उत्सव को मनाए जाने की तैयारी की जा रही है। सावन माह में भगवान को झूला झुलाए जाने की परंपरा है। जिसके लिए मंदिरों के गर्भगृह में लकड़ी व सोने चांदी से बने झूले पर भगवान विराजमान होंगे। और शाम होते ही पूरी अयोध्या में सास्कृतिक आयोजनों से गुलजायमान होगी। वैसे तो यह परंपरा सावन माह शुक्ल पक्ष तृतीय से शुरू होगा और रथ यात्रा के माध्यम से जब भगवान को प्राचीन मणि पर्वत पहुंचते हैं और वहां पर बधाई गायन व पूजन कर झूला झुलाया जाएगा उसके बाद ही मंदिरों इस उत्सव की शुरुवात होगी। लेकिन अयोध्या में माता जानकी की परंपरा के बने मंदिरों में सावन के पहले दिन से देखने को मिलेगा।