जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत है आनंद और खुशियां

in #pali16 days ago

जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत है आनंद और खुशियां
साण्डेराव- संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने कहा कि जिंदगी को स्वर्ग सरीखे आनंद और मिठासभरी बनाना चाहते हो तो अपने जीवन से पांच दोषों को हमेशा के लिए समाप्त कर दो,वें अम्बिका मंदिर परिसर में चल रहे चातुर्मास के दौरान धर्म सभा में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हर आदमी को अपने जीवन में अच्छे स्वभाव,अच्छी सोच का मालिक होना ही चाहिए। यही वे सद्गुण हैं जो आदमी के वर्तमान को भी उज्ज्वल बनाते हैं।जैसा आदमी का नेचर होता है,वैसा ही फ्यूचर होता है। ‘आनंद और खुशियां” जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत है।यह जिंदगी अच्छे रंग के साथ नहीं अच्छे ढंग से जी जानी चाहिए। अच्छे नेचर का मालिक बनना चाहते हो तो अपने स्वभाव में पलने वाले गुस्से को गुड बाय कर दो।
सुधारेंगे नेचर,तभी सुधरेगा फ्यूचर
सुधारेंगे नेचर,तभी सुधरेगा फ्यूचर विषय पर संदेश देते हुए संत मनसुख हिरापुरीजी महाराज ने कहा कि लोगों के साथ हमारे रिश्ते कैसे रहेंगे,ये भी हमारा स्वभाव और व्यवहार तय करता है।यदि आपको लगता है कि आपका चेहरा सुंदर नहीं है तो कोई दिक्कत नहीं,अपने स्वभाव को सुंदर बना लो।आपका स्वभाव सुंदर बन गया तो आप लोगों के दिलों में राज करोगे।

संत ने कहा कि इंसान की जिंदगी केवल तीन श्वांस है।पहली श्वास जन्म की, दूसरी श्वांस है जवानी की और तीसरी बुढ़ापे की।इसके बाद जीवन खत्म हो जाता है।इस दौरान वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ मोहन लाल चौधरी,सुमेर सिंह राजपुरोहित, कांतिलाल ओझा,प्रेमदास वैष्णव,कैलाश राव,महावीर मेवाड़ा,नटवर सैन,रतन सिंह राठौड़,सेवाराम डांगी, जयकिशन कांजाणी,कांतिलाल सहित प्रबुद्धजन उपस्थित थे।
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