जिले के एकमात्र दिव्यांग छात्रावास में लटक गया ताला
डिंडौरी। जिले के एकमात्र दिव्यांग छात्रावास भवन में भी विगत दो वर्षों से ताला लटका हुआ है। आलम यह है कि आवंटन न मिलने के चलते विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए शुरू किया गया छात्रावास का संचालन बंद हो गया है। गौरतलब है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत संबंधित छात्रावास का संचालन प्राचीन डिंडौरी उच्चतर माध्यमिक स्कूल के परिसर में लंबे समय से हो रहा था। कोरोना की पहली लहर के बाद से ही छात्रावास बंद हो गया। तब से आवंटन न आने के चलते यहां संचालन छात्रावास का नहीं हो पा रहा है। छात्रावास में पदस्थ अधीक्षक, रसोईया सहित अन्य स्टाफ जहां बेरोजगार हो गए, वहीं आधा सैकडा से अधिक जरूरतमंद बच्चों को वापस उनके घर भेजना पड गया।
अध्यापन कार्य नहीं कर पाते दिव्यांग बच्चे
दिव्यांग छात्रावास जिले भर में केवल एक था। ग्रामीण अंचलों से जरूरतमंद बच्चे यहां रहकर अध्ययन भी करते थे। छात्रावास का संचालन बंद होने से संबंधित बच्चे अपने अपने घरों में हैं, लेकिन वे अध्ययन कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। संबंधित छात्रावास में कुछ बच्चे ऐसे भी थे, जिनके माता पिता नहीं थे। ऐसे में उन बच्चों के लिए समस्या और बढ गई है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद से लगातार विभागीय अधिकारियों द्वारा बजट के लिए पत्राचार करने की बात कही जा रही है, लेकिन इस ओर अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है।
खंडहर हो रहा भवन और सामग्री
दिव्यांग छात्रावास का भवन लंबे समय से बंद पडा है। ऐसे में जहां यहां रखी सामग्री खंडहर हो रही है वहीं भवन की हालत भी बदहाल हो रही है। बताया गया कि यहां कुल पांच कर्मचारी पदस्थ थे, जिन्हें बजट न आने के चलते वेतन भी नहीं मिल पा रहा था। बताया गया कि भवन के अंदर रखी सामग्रियां की भी विभाग स्तर से देखरेख तो हो रही है, लेकिन संबंधित सामग्रियों का उपयोग न हो पाने से ये बदहाल हो रही हैं।
दिव्यांग बच्चों के लिए अब नहीं कोई ठिकाना
जिले भर में दिव्यांग बच्चों के लिए अब कोई भी ठिकाना नहीं रह गया है। संबंधित छात्रावास में हाथ, पैर से दिव्यांग बच्चों के साथ मानसिक तौर पर अस्वस्थ बच्चे भी बडी संख्या में रहते थे। संबंधित बच्चों को अध्यापन कार्य कराने के साथ उन्हें रुकने खाने की भी विशेष व्यवस्था थी। समाजसेवी संगठन भी यहां पहुंचकर जरूरतमंद बच्चों की मदद करते थे। अब समस्या बढ गई है।
वर्जन......
पुरानी डिंडौरी में संचालित होते रहे दिव्यांग छात्रावास में आधा सैकड़ा से अधिक जरूरतमंद बच्चे रहकर अध्ययन कार्य करते थे। कोरोना संकट के दौरान से ही छात्रावास आवंटन न आने के चलते बंद है। आवंटन के लिए पत्राचार किए जा रहे हैं। राशि मिलते ही छात्रावास का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
राघवेंद्र मिश्रा
डीपीसी डिंडौरी