आज भी पानी, सड़क के लिए मोहताज है बैगा आदिवासी

in #dindori2 years ago

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डिंडौरी (पप्पू पड़वार) जिले में आज भी वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले बैगा आदिवासी झिरिया का पानी पीने मजबूर है। कहीं-कही तो पानी की इतनी दिक्कत होती है कि उन्हें 3-4 किमी का सफर तय कर पगडंडियों से गुजरकर बड़ी मुश्किल से पानी मिल पाता है। वनांचल में निवास करने वाले इन बैगा परिवारों के लिए उस समय और मुसीबत बन जाती है। जब घर में किसी प्रकार के कोई कार्यक्रम का आयोजन होता है और बडी संख्या में लोग शामिल होते है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पानी के लिए परेशानियों से जूझ रहे है। कई घंटो की मशक्कत के बाद इन्हें पीने का पानी नसीब हो पाता है। ज्यादातर वनांचल क्षेत्रों में पानी की समस्याएं गर्मी के दिनों में और विकराल हो जाती है।
पानी की सुविधा को लेकर शासन-प्रशासन की ओर ध्यान दें तो इन 15 वर्षो में भी इस ग्राम के लोगों को पानी की सुविधा नहीं मिल पायी है। जबकि इन 15 वर्षो में पानी की समस्या ही दूर की जा सकती थी।जिला डिण्डौरी ,समनापुर ब्लॉक के चांदरानी पंचायत अंतर्गत बैगा टोला वनांचल की यह तस्वीर देखते ही आप को यह सोचने को मजबूर कर देगी। आखिर इस ग्राम से पानी की समस्या दूर क्यों नहीं किया जा सका। साथ ही वनांचल में निवासरत बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक पगडंडियों को पार कर पानी लाते नजर आते है। ग्राम पंचायत आश्रित बैगा टोला में दो सो बैगा परिवार निवासरत हैं। जो आजादी के बाद से आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज नजर आ रहे है। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले इस ग्राम के बैगा आदिवासियों को आज भी मिलने वाली पूरी सुविधाएं नहीं मिल पायी है। योजनाओं का लाभ भी इन्हें पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है। सडक विहीन ग्राम होने के कारणा आवागमन में भी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर परेशानी इन परिवारों को तब होती है जब कोई बीमार पड़ जाये।
सुविधा के नाम इस ग्राम में मात्र दो हैंडपंप तो है, लेकिन वाटर लेबल नीचे जाने के कारण इस हैंडपंप में पानी नहीं निकल रहा है। नतीजन यहां के आदिवासी परिवार गांव से दो किलोमीटर दूर नाले में कच्ची झिरिया बनाकर अपनी प्यास बुझा रहें हैं।

शो पीस बन गया सोलर पंप

बैगान टोला में दो सैकड़ा से अधिक बैगा निवास कर रहे हैं। बैगा परिवारों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। पीएचई द्वारा पूर्व में दो बोर भी कराए गए थे। एक बोर में सोलर पंप लगा कर पानी टैंक भरने की व्यवस्था की गई थी। सौर ऊर्जा की प्लेंटें टूट गई, जिससे सौर ऊर्जा पंप शो पीस बनकर रह गया। पानी का कनेक्शन भी टंकी से नहीं जोड़ा गया था। बारिश व ठंड के मौसम में आठ माह तो बैगा परिवार पहाड़ के किनारे गड्ढे खोदकर किसी तरह पानी की व्यवस्था कर लेते हैं, लेकिन गर्मी में समस्या और भी बढ़ जाती है। दूषित पानी पीने से ही कई तरह की बीमारियां गांव में फैलने का खतरा बना रहता है।

नहाने और पीने का एक

जिस झिरिया में बैगा डुबकी लगाकर नहाते हैं, वही पानी पीने के लिए भी उपयोग करते हैं। गांव की बैगा महिला जयमति बाई की मानें तो पानी झिरिया में कम होने की स्थिति में इसी दूषित पानी की चोरी तक करनी पड़ती है। पहले जो पहुंचा वही पानी भर ले जाता है। झिरिया में पानी जमा होने तक इंतजार करना पड़ता है। गर्मी में तो पहाड़ी से नीचे उतरकर लंबी दूरी तय कर पानी ढोकर लाना पड़ता है। बैगा टोला के कुंवर सिंह का कहना है कि टोला में पानी की बहुत किल्लत है, जिसकी शिकायत कई बार विभाग को कर चुके हैं। लेकिन अभी तक कोई सुधार कार्य नहीं हुआ है।

लाइन बिछाकर भूल गया विभाग

ग्राम पंचायत चांदरानी के सरपंच चंद्रभान मार्को ने बताया कि बैगा टोला सहित अमरैया टोला में पानी की समस्या कई सालों से बनी हुई है। पीएचई द्वारा पूर्व में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई गई थी। इसके बाद अभी तक पानी की सप्लाई नहीं हो सकी है। इसकी शिकायत भी कई बार विभागीय अधिकारियों समेत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से की जा चुकी है। इसके बाद भी न तो अधिकारी कर्मचारियों और न ही जनप्रतिनिधियों ने समस्या का समाधान करने सुध नहीं ली।

सड़क नहीं तो बच्चे पढाई से होंगे वंचित

ऐसा नहीं है कि यह हालात अभी कुछ दिनों से, ग्रामीणों की माने तो 15 वर्षों से वे पानी के लिए लंबी जद्दोजहद कर रहे है।
इसके अलावा बैगा टोला स्थित प्राथमिक शाला से उत्तीर्ण बच्चों ने आगे पढने दूर गांव स्कूल से अपनी दूरी बना लिये है, बच्चों का कहना है कि गांव में स्कूल की कमी और अन्य गांव जाने के लिए सड़क के अभाव के नाम से वे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है।
वहीं प्रशासन इस मामले में भी हमेशा की तरह अपना पल्ला झाड़ते हुए हमेशा की तरह रटा-रटाया जवाब देते हुए जांच टीम बनाकर जल्द ही व्ययवस्था दूर करने की बात कह रहे हैं। अब देखना यह होगा की प्रशासन इस गांव की समस्याओं को कितने गंभीरता से लेते हैं और यहां की समस्याओं को दूर कर पाते है। फिलहाल इस ग्राम के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे है। इस संबंध में कलेक्टर से बात करने कोशिश की गई, लेकिन किसी कारण वश बात नहीं हो पाई।

इसी तरह 2 वर्ष पूर्व पीएचई समनापुर वर्तमान प्रभारी सहायक यंत्री ऐके गुप्ता ने कहा था बैगा टोला में सोलर पंप की प्लेंटें टूटने की जानकारी है। भोपाल रिपोर्ट भेज दी गई है। यदि समय रहते इंजीनियर नहीं आते हैं तो सोलर पंप हटा कर हैंडपंप लगवा दिया जाएगा। नल जल योजना के तहत विभाग द्वारा चांदरानी से अमरैया टोला के बीच अधूरी बिछाई गई पाइप लाइन की रिपोर्ट भी भोपाल भेजी गई है। जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जायेगा लेकिन दो वर्ष बाद भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है

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Gao me pani ki subidha honi chahiye

अधिकत्तर आदिवासी क्षेत्रों के यही हाल, मूलभूत सुविधाओ से ये वर्ग आज भी वंचित है।

यह है भारत पानी के लिए तरस गए

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