बोरवेल में फंसी डेडबॉडी, टुकडों में निकाला

in #news2 years ago

बोरवेल में फंसी डेडबॉडी, टुकडों में निकाला:* SDRF और NDRF टीमें रहीं नाकाम, परिवार वालों को बाल्टी में भरकर दिए अंग घर से 2KM दूर अपने ही कुएं में कूदकर सुसाइड करने वाले किसान की बॉडी निकालने में SDRF और NDRF को खासी मशक्कत करनी पड़ी। बॉडी बोरवेल में फंसी हुई थी। इस वजह से सारे उपाय बेकार जा रहे थे। घटना के 5वें दिन पानी का प्रेशर देकर बॉडी निकाली गई । बॉडी टुकड़ों में निकली। इन्हीं टुकड़ों को समेटकर बाल्टी में डाला गया और परिवार वालों को सौंप दिया गया। पुलिस इसका DNA टेस्ट भी कराएगी। रविवार को परिवार के लोगों ने इसी अवशेष को रखकर अंतिम संस्कार किया। मामला अवर के बहरोड़ कस्बे की का है।

जखराना गांव के किसान सज्जन सिंह (55) अपने खेत से 19 जुलाई को घर नहीं पहुंचे। दोपहर में वह खेत पर थे। खेत घर से 2 किलोमीटर दूर था। पत्नी से कहा था तुम घर चलो मैं थोड़ी देर में आऊंगा। इसके बाद सज्जन सिंह घर नहीं लौटे। देर शाम पिता को तलाशते हुए बड़ा बेटा संदीप खेत पर पहुंचा। संदीप दिल्ली पुलिस में तैनात है। पिता नहीं मिले तो कुएं की तरफ गया। कुएं में पिता की शर्ट खूंटी से टंगी मिली। कुआं सूखा था। झांका तो उसमें कुछ नहीं था। रात को भी पिता घर नहीं लौटे। रिश्तेदारों को फोन किया। गांव वालों से पूछा। किसी को कोई जानकारी नहीं थी ।20 जुलाई को दर्ज कराई गुमशुदगी 20 जुलाई की सुबह 10 बजे संदीप ने बहरोड़ थाने में पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की तफ्तीश की। पुलिस जांच में सारे साक्ष्य यही इशारा कर रहे थे कि सज्जन सिंह खेत और कुएं के आस-पास से कहीं नहीं गया। 21 जुलाई को पुलिस ने 270 फीट गहरे कुएं में एक व्यक्ति को उतारकर चेक किया गया। सूखे कुएं में बने बोरवेल में सज्जन सिंह 90 फीट नीचे फंसे थे। बोरवेल में कैमरा लगाकर जांच की गई तो साफ हो गया कि सज्जन सिंह की मौत हो चुकी है। संकरे बोरवेल में फंसी डेडबॉडी को निकालने के प्रयास शुरू हुए। 21, 22 और 23 जुलाई को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कड़ी मशक्कत के बाद भी शव नहीं निकाला जा सका।

बाल्टी में मिले अवशेष आखिर परिजनों की परमिशन के बाद 23 जुलाई की रात डेडबॉडी को पानी के प्रेशर से बोरवेल से निकाला गया। यह तकनीक जाम पाइप की सफाई के लिए इस्तेमाल की जाती है। तेज धार से पानी छोड़ा गया तो सज्जन सिंह के शव के टुकड़े बाहर आने लगे। पुलिस ने उन्हीं टुकड़ों को बाल्टी में भरकर परिजनों को सौंपदिया।

पुलिस ने बताया कि बोकी (बोरिंग खोदने के लिए पानी का प्रेशर डालकर मिट्टी निकालने वाली मशीन) लगाकर शरीर के 10 से 12 विभिन्न अंग बाहर निकले। तहसीलदार द्वारका प्रसाद तिवारी ने बताया कि सज्जन सिंह के शव को पूरा नहीं निकाला जा सका।बहरोड थाना इंचार्ज वीरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि 21 से 23 जुलाई तक सिविल डिफेंस, एसडीएफ और एनडीआरएफ की टीम ने डेडबॉडी को निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं रहे। परिवार चाहेगा तो अवशेष का डीएनए करा दिया जाएगा।

सुसाइड किया, लेकिन वजह साफ नहीं सज्जन सिंह के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा संदीप दिल्ली पुलिस में है। छोटे बेटे सनी की भी सरकारी नौकरी है। दोनों बेटों की शादी हो चुकी है। बेटी नहीं थी तो भाई की बेटी को गोद लिया था। उसकी भी शादी हो चुकी है। पुलिस का कहना है कि कुएं पर लोहे का भारी जाल है। ऐसे में यह सुसाइड का मामला लग रहा है। पूछताछ में चौंकाने वाली बात यह सामनेडिकंपोज हो चुका था शव सरपंच करण सिंह यादव ने बताया कि परिजनों ने पुलिस को कुएं पर ढंका जाल खुला मिला तो शक हुआ। सज्जन की शर्ट और मोबाइल का कवर भी मिला। 21 जुलाई से अलवर की सिविल डिफेंस के 10 और एसडीआरएफ के 10 मेंबर आए थे। एसडीएम सचिन यादव, डीएसपी आनन्द राव, तहसीलदार द्वारका प्रसाद, सरपंच करण सिंह यादव भी पहुंचे। बार-बार शव पर मिट्टी गिर रही थी । पानी डाला तो पानी नीचे नहीं गया। बॉडी डिकंपोज हो चुकी थी। 23 जुलाई को अजमेर से एनडीआरएफ की 14 लोगों की टीम पहुंची। शनिवार देर रात डेडबॉडी के टुकड़े निकाले गए। डॉक्टर ने डीएनए टेस्ट के लिए अंगों के सैंपल लिए। आई कि 20 साल पहले सज्जन सिंह के भाई रतन सिंह ने भी इसी कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी।

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