MP-MLA के करीबियों से ठगी, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

Screenshot_20230801-090606.pngदेशभर में साइबर ठग रोजाना ही किसी न किसी नए तरीके से ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। उत्तरी जिला के साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो देशभर के सांसद और विधायक के करीबियों को नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनके साथ ठगी कर रहे थे। पुलिस ने एक संबंध में एक आरोपी को कानपुर से गिरफ्तार किया है।

पकड़े गए आरोपी की पहचान गांव लूटापुर, सफीपुर, उन्नाव निवासी आशु बाजपेयी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल तीन मोबाइल फोन, आठ डेबिट कार्ड के अलावा पांच सिमकार्ड बरामद किए हैं। पुलिस को मामले इस रैकेट के दूसरे आरोपी व आशु के बड़े भाई प्रदीप बाजपेयी की तलाश है।

जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी गूगल सर्च की मदद से देशभर के सांसद और विधायकों के मोबाइल नंबर प्राप्त कर लेते थे। इसके बाद खुद को राष्ट्रीयकृत बैंक का अधिकारी बताकर सांसद व विधायकों के रिश्तेदारों व करीबियों को नौकरी दिलवाने का झांसा दिया जाता था। बाद में उनको कॉल कर नौकरी दिलवाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ ली जाती थी। फिलहाल पुलिस ने हरियाणा, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली में पांच वारदातें सुलझाने का दावा किया है। इसके अलावा आशु की गिरफ्तारी से देशभर के 17 और मामले लिंक हुए हैं। पूछताछ के दौरान आशु ने बताया है कि वह 100 से अधिक सांसद-विधायकों को कॉल कर उनके रिश्तेदारों से ठगी कर चुका है।

उत्तरी जिला के पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों साइबर थाना पुलिस को सदर बाजार निवासी एक युवती की ओर से ठगी की शिकायत मिली थी। उसने पुलिस को दिए बयान में बताया कि चांदनी चौक से सांसद डॉ. हर्षवर्धन का नाम लेकर कुछ लोगों ने उसे कॉल किया। आरोपियों ने खुद को एसबीआई चांदनी चौक का मैनेजर बताकर युवती को क्लर्क की नौकरी का ऑफर दिया। फोन पर ही उसका इंटरव्यू करने के बाद पीड़िता से अलग-अलग चार्ज के नाम पर 25 हजार रुपये ऑन लाइन ट्रांसफर करवा लिए गए। बाद में पीड़िता को चांदनी चौक मुख्य शाखा में संपर्क करने के लिए कहा गया। पीड़िता बैंक पहुंची तो उसे ठगी का पता चला।