CWG 2022: मीराबाई चानू ने रचा इतिहास, लगातार दूसरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में जीता स्वर्ण

in #sports2 years ago

मीराबाई चानू ने क्लीन एंड जर्क के पहले राउंड में 109 किलो भार उठाया। उन्होंने इसके साथ ही स्वर्ण पदक जीत लिया, क्योंकि उनके करीब कोई भी नहीं था। हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने दूसरा अटैम्प्ट किया और 113 किलोग्राम का वजन उठाया।
saikhom-mirabai-chanu-weightlifting-commonwealth-games-2022-birmingham_1659199142.jpeg

टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को पहला स्वर्ण दिला दिया है। उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 49 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसके अलावा मीराबाई ने राष्ट्रमंडल खेलों में नया इतिहास भी रच दिया है। उन्होंने स्नैच राउंड में सबसे ज्यादा वजन उठाने का रिकॉर्ड भी बनाया। मीराबाई ने स्नैच राउंड में सबसे ज्यादा 88 किलो का वजन और क्लीन एंड जर्क राउंड में 113 किलो का वजन उठाया। उन्होंने कुल मिलाकर 201 किलो का वजन उठाया।

स्नैच राउंड में मीराबाई ने बनाया रिकॉर्ड

मीराबाई ने स्नैच राउंड में पहले अटैम्प्ट में 84 किलो का वजन उठाया। मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में भी स्नैच राउंड में पहला अटैम्प्ट 84 किलो का ही किया था। दूसरे अटैम्प्ट में मीरा ने 88 किलो का वजन उठाने का सोचा और ऐसा कर भी दिखाया। यह वजन उठाने के साथ ही मीराबाई ने इतिहास रच दिया।

राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में स्नैच राउंड में किसी महिला एथलीट द्वारा उठाया गया यह सबसे ज्यादा भार है। इसके साथ ही मीराबाई ने अपने पर्सनल बेस्ट की बराबरी भी की। नेशनल लेवल पर मीरा 88 किलो वजन उठा चुकी हैं। चानू का 49 किग्रा में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कुल 203 किग्रा (स्नैच: 88 किग्रा, क्लीन एंड जर्क: 115 किग्रा) का है, जो उन्होंने 2020 में फरवरी में नेशनल चैंपियनशिप में बनाया था।

हालांकि, मीराबाई की तीसरा प्रयास विफल रहा। तीसरे प्रयास में मीरा ने 90 किलोग्राम वजन उठाने का सोचा, लेकिन उनका बैलेंस बिगड़ गया और वह विफल रहीं। टोक्यो ओलंपिक में मीरा ने तीसरे प्रयास में 89 किलो उठाने का प्रयास किया था, उसमें भी वह विफल रही थीं। हालांकि, 90 किलो नहीं उठा पाने के बावजूद मीरा स्नैच राउंड में टॉप पर रहीं। उन्होंने दूसरे स्थान पर मौजूद वेटलिफ्टर से 12 किलो वजन की बढ़त बना रखी थी।

मीराबाई चानू ने क्लीन एंड जर्क के पहले राउंड में 109 किलो भार उठाया। उन्होंने इसके साथ ही स्वर्ण पदक जीत लिया, क्योंकि उनके करीब कोई भी नहीं था। हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने दूसरा अटैम्प्ट किया और 113 किलोग्राम का वजन उठाया। तीसरे अटैम्प्ट में मीराबाई ने 115 किलो वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन विफल रहीं। क्लीन एंड जर्क में 115 किलो वजन उनका बेस्ट है।

देश को 21 साल बाद वेटलिफ्टिंग में ओलंपिक पदक दिलाया

मीराबाई ने पिछले साल ही देश को वेटलिफ्टिंग में 21 साल बाद ओलिंपिक मेडल दिलाया था। टोक्यो ओलिंपिक में मीरा ने 49 किलोग्राम वेट कैटेगरी में कुल 202 किलो का वजन उठाया था और रजत पदक अपने नाम किया था। उनसे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। मीराबाई लगातार तीन राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतती आ रही हैं। 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में मीरा ने रजत पदक और 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में मीरा ने स्वर्ण पदक जीता था।
2016 में रियो ओलंपिक में विफल रही थीं

मीराबाई ने 2016 में रियो ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है और लगातार सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। 2016 रियो ओलिंपिक में मीराबाई अपने एक भी प्रयास में सही तरीके से वजन नहीं उठा पाई थीं। उनके हर प्रयास को डिस-क्वालिफाई कर दिया गया था। 2016 में जब मीरा वजन नहीं उठा पाई थीं, तो उनके नाम के आगे - 'डिड नॉट फिनिश' लिखा गया था।

डिप्रैशन में भी गई थीं मीराबाई चानू

इस 'डिड नॉट फिनिश' टैग ने मीरा का मनोबल तोड़ दिया था। इस हार की वजह से मीरा अवसाद में चली गई थीं। इतना ही नहीं इससे बाहर निकलने के लिए मीरा को डॉक्टर का सहारा लेना पड़ा था। उन्होंने वेटलिफ्टिंग को अलविदा कहने का मन भी बना लिया था। हालांकि, खुद को साबित करने की ललक ने मीरा को ऐसा नहीं करने दिया। इसके बाद से मीरा देश की नई आइकन बनकर उभरीं।

2017 में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में मीरा ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय एथलीट थीं। इस इवेंट की तैयारी के लिए उन्होंने अपनी सगी बहन की शादी में भी नहीं पहुंची थीं। यह पदक जीतने के बाद वह रोने लगी थीं। उन्हें उस वक्त भी 2016 की हार याद थी। इसके बाद मीरा ने गोल्ड कोस्ट में पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण और टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम किया। इस तरह वह देश की सर्वश्रेष्ठ एथलीट बन गईं हैं।
बर्मिंघम में अब तक भारत को तीन पदक
राष्ट्रमंडल खेलों के पिछले संस्करण में भारतीय वेटलिफ्टर्स ने पांच स्वर्ण सहित नौ पदक जीते थे। इस बार बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग में अब तक भारत को तीन पदक मिल गए हैं। मीराबाई से पहले वेटलिफ्टिंग में ही संकेत सरगर ने 55 किलोग्राम भारवर्ग में रजत पदक और गुरुराजा पुजारी ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके बाद बिंदियारानी देवी आज ही अपना इवेंट खेलेंगी। ऐसे में भारत को एक और पदक मिल सकता है।

Sort:  

🙏💐🎊💐🙏

Good news 🗞️ please visit my profile