कविता
इक अरसे से अश्क नही गिरे ।
जी में आए कही बैठकर रोया जाए ।।
सभी यादों को इक्कठा कर देखू ।
कही कोई दिल दहलाने वाली बात मिल जाए ।।
फिर शाम हुई दिया जलाए रखूं ।
यू दिल के साथ दिया जलता चला जाए ।।
मेरी खुशी की तलाश भी क्या कहूं ।
डबडबाई है आंखे और कोई गम मिल जाए ।।
शानदार