कविता

in #poem2 years ago

इक अरसे से अश्क नही गिरे ।
जी में आए कही बैठकर रोया जाए ।।

सभी यादों को इक्कठा कर देखू ।
कही कोई दिल दहलाने वाली बात मिल जाए ।।

फिर शाम हुई दिया जलाए रखूं ।
यू दिल के साथ दिया जलता चला जाए ।।

मेरी खुशी की तलाश भी क्या कहूं ।
डबडबाई है आंखे और कोई गम मिल जाए ।।