जालौन :- विश्व मलेरिया दिवस पर दी मलेरिया रोग के बारे में जानकारी

in #news2 years ago

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IMG-20220425-WA0012.jpgविश्व मलेरिया दिवस पर डॉ. आर.के. शुक्ला ने दी मलेरिया रोग के बारे में जानकारी, मच्छर काटने से बचाव करने पर जोर दिया चिकित्सा अधीक्षक ने, सावधानी भी बताईं
विश्व मलेरिया दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोंच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. शुक्ला ने मलेरिया के बारे आवश्यक जानकारी दी व इसे एक संक्रामक रोग बताया। उंन्होने मच्छरों के द्वारा इस रोग को फैलने का कारण बताया व मच्छरों से बचने की सलाह दी।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोंच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. शुक्ला ने बताया कि मलेरिया प्लाजोमोडियम वीवेक्स नामक वायरस के कारण होता है। यह वायरस मनुष्य के शरीर में मादा मच्छर के काटने से होता है। इससे बचाव के लिए सावधानी सबसे बड़ा हथियार है। डॉ. आर.के. शुक्ला ने बताया एक निश्चित अंतराल से रोज एक निश्चित समय पर मरीजों को बुखार आता है और उल्टी आना, कपकपी के साथ ठण्ड लगना व हांथ पैरों में दर्द होना भी मलेरिया के लक्षण है। उन्होंने यह भी कहा इसके अलावा कोई साधारण बुखार भी मलेरिया हो सकता है। डॉ. आर.के. शुक्ला ने कहा कि यह रोग प्रमुख रूप से मच्छरों से होता है ऐसे में मच्छरों को किसी भी हालत में घर में पनपने न दें।

यह बरतनी होगीं सावधानियां
विश्व मलेरिया दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोंच के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आर.के. शुक्ला ने बताया कि घर के दरवाजों-खिड़कियों पर मच्छर जाली लगवाना चाहिए जिससे मच्छर घर में न आ सकें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। अपने आसपास झाड़ियों को साफ-सुथरा करके रखें, ऐसी जगह पर मच्छर जन्म लेते है। उन्होंने कहा कि मलेरिया विभाग द्वारा जो दवा का छिड़काव किया जाता है उसे अवश्य कराएं। उंन्होने बताया कि इस समय मच्छरों के सीजन चल रहा है हाफ कपड़े बिल्कुल न पहनें। पूरी आस्तीन की कमीज, मौजे आदि से शरीर को ढककर रखें। रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दें, कीटनाशक दवा का छिड़काव करवाएं या फिर मिट्टी का तेल डाल दें, जिससे मच्छर अपने आप मर जाएंगे। घरों में कूलरों के पानी को बदलता रहना चाहिए और साफ-सफाई भी करते रहना चाहिए, जिससे मच्छर न पैदा हो सकें। जिससे मलेरिया रोग किसी को न हो सके।