इन 2 देशों में प्रदूषण Zero, 'बुरे कार्बन' का नामो निशान नहीं

in #india2 years ago

दुनिया के तीन देश ऐसे हैं, जो Carbon Negative क्लब में शामिल हो गए हैं. यानी यहां कार्बन उत्सर्जन कम करने की कोई चुनौती नहीं बची. यहां ग्रीनहाउस गैसों का प्रदूषण नहीं है. देश से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए इन देशों ने जो कुछ भी किया उससे ये दुनिया के सामने मिसाल बन गए हैं. आज जानेंगे कि ये कैसे संभव हुआ.
पूरी दुनिया इस वक्त जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के खतरनाक प्रभाव झेल रही है. देशों के सामने अब कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emissions) कम करने की चुनौती है. लेकिन कुछ देश ऐसे भी हैं जो इस चुनौती से फ्री हो गए हैं, यानी उन्हें कार्बन उत्सर्जन कम करने की ज़रूरत ही नहीं है. वो इसलिए क्योंकि ये देश 'कार्बन निगेटिव' देश (Carbon Negative Countries) बन चुके हैं.

आपको बता दें कि दुनिया में 3 देश ऐसे हैं जिन्हें कार्बन निगेटिव देश घोषित किया जा चुका है. ये देश हैं- भूटान (Bhutan), सूरीनाम (Suriname) और पनामा (Panama). जहां जलवायु परिवर्तन के घातक परिणामों को लगभग हर देश झेल रहा है, वहां ये तीनों देश दुनिया के सामने मिसाल बन गए हैं. आज जानेंगे कि इन देशों के लिए ये कर पाना कैसे संभव हुआ. लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि कार्बन उत्सर्जन और कार्बन निगेटिव होना क्या हैcarbon-negative-country1-sixteen_nine.jpgसूरीनाम

बात अगर सूरीनाम की करें तो, ये जान लीजिए कि पृथ्वी पर अगर सबसे ज्यादा जंगल किसी इलाके में हैं, तो वह दक्षिणी अमेरिका के इसी देश में है. सूरीनाम दक्षिण अमेरिका का सबसे छोटा संप्रभु राज्य है, जिसका 97 प्रतिशत हिस्सा घने उष्णकटिबंधीय जगलों से भरा हुआ है.

सूरीनाम दक्षिण अमेरिका का सबसे छोटा संप्रभु राज्य है suriname_0.jpg
हालांकि, यह देश आर्थिक रूप से कृषि उत्पादों, बॉक्साइट, सोना और पेट्रोकेमिकल्स जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है, लेकिन अपने जंगलों की रक्षा करके सूरीनाम कार्बन निगेटिव क्लब में प्रवेश पाने में सफल रहा है. लाखों हेक्टेयर संरक्षण क्षेत्र बनाने के लिए यहां के लोगों और सेना ने सरकार का साथ दिया और यह संभव हो पाया.