बाल विवाह कराने पर माता-पिता के साथ अब विवाह कराने वाले पंडित भी जाएंगे जेल

in #firozabad2 years ago (edited)

फिरोजाबाद । जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में शनिवार को बाल संरक्षण समिति व बाल विवाह रोकथाम हेतु बैठक आयोजित की गयी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बाल विवाह की रोकथाम हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि जनपद में कोई भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए, इसके लिए सभी को बाल विवाह सम्बन्धित वैधानिक जानकारी होनी चाहिए।

"माता-पिता के साथ बाल विवाह कराने वाले पण्डित जी भी जाएगें जेल, दो वर्ष का तक का होगा कठोर कारावास"

जिलाधिकारी ने शख्त लहजे में निर्देश देते हुए कहा कि माता-पिता के साथ बाल विवाह कराने वाले पंडित भी जेल जाएंगे। उन्होने कहा कि बाल विवाह कराने वालों के लिए कानूनी दण्ड का प्रावधान है जिसमें ऐसे लोगों के विरूद्ध दो वर्ष का कठोर कारावास के साथ एक लाख रू0 तक का अर्थ दण्ड भी है।

"बाल विवाह होने पर उस क्षेत्र के लेखपाल, बीट कांस्टेबल, चौकीदार के विरुद्ध वैधानिक व विभागीय होगी कार्यवाही"

जिलाधिकारी सख्त निर्देश दिए कि बाल विवाह होने पर उस क्षेत्र के लेखपाल, चौकीदार, बीट कांस्टेबल के विरुद्ध वैधानिक व विभागीय कार्यवाही होगी, अगर उस क्षेत्र में बाल विवाह होता पाया गया। बैठक के दौरान उन्होने कहा कि जिन बच्चों के परिवार व उनके माता-पिता नहीं है, उनके संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से आगे बढ़कर समाज जिम्मेदारी लें और बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए समाज को जो भी करना हो वह उन बच्चों के लिए आगे बढकर करें।
बैठक के दौरान जिला प्रोवेशन अधिकारी सीामा मौर्या ने बताया कि भारत सरकार द्वारा देश में बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु ‘‘बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम, २००६ लागू किया गया है। उन्होने बताया कि इस विशेष अधिनियम के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका एवं 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह करना या रचाना एक संगीन और गैर जमानती अपराध घोषित किया गया है। उन्होने बताया कि साथ ही बाल विवाह को शून्यकरण, इन्हें रोकने, पीड़ित बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने और दोषियों को सजा देने तथा संवेदीकरण व जागरूकता कार्यक्रम चलाने के लिए बाल विवाह निषेध अधिकारियों सीएमपीओ की नियुक्ति किये जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होने बताया कि स्थानीय न्यायालयों को वाल विवाह रोकने के लिए निषेधाज्ञा जारी करने की शक्तियां भी दी गयी है। उन्होने बताया कि अधिनियम में बाल विवाह के आयोजन में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, बारातियों, पण्डित, हलवाइयों, टैट वाले, बैंड बाजा वाले इत्यादि को सजा दिए जाने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रावधान किये गए है। बैठक के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी चर्चित गौड़, समाज सेवी संस्थाऐं, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य विश्व मोहन कुलश्रेष्ठ, चाइल्ड लाइन के डा0जफर आलम, सहित सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व सम्बन्धित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।

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