पांच वर्ष बाद पति दोषी करार, दस वर्ष कारावास मनीषा हत्याकांड बुलंदशहर

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कोतवाली देहात बुलंदशहर क्षेत्र के एक गांव में पत्नी की हत्या कर शव उसके मायका पक्ष के आने से पूर्व ही नदी किनारे जला दिया गया। पांच वर्ष बाद अपर जिला न्यायाधीश त्वरित न्यायालय कक्ष संख्या-13 के न्यायाधीश रितिका त्यागी ने गवाहों और सबूतों के आधार पर हत्यारोपी पति को 10 वर्ष का कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

बुलंदशहर सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजीत कुमार सक्सेना और नितिन त्यागी ने बताया कि वादी भगीरथ सिंह ने एक जुलाई 2017 को कोतवाली देहात में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपनी बेटी मनीषा की शादी 2015 में अर्जुन निवासी गांव काजीपुरा कोतवाली देहात के साथ की थी। एक जुलाई 2017 को उनके दामाद अर्जुन का फोन आया कि मनीषा की मौत हो गई है। मायका पक्ष से कई लोग मनीषा की ससुराल पहुंचे तो घर पर ताला लगा था। आसपास के लोगों ने बताया कि दामाद अर्जुन ने मनीषा की हत्या कर दी है और नदी के किनारे ले जाकर शव को जला दिया। मंगलवार को अपर जिला न्यायाधीश/त्वरित न्यायालय रितिका त्यागी ने दोनों पक्षों के गवाहों के बयान और सुबूतों का आंकलन कर अर्जुन को दोषी ठहराया है और 10 वर्ष का कारावास तथा 30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।बुलंदशहर