bku भाकियू का 75 घंटे का धरना समाप्त, प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
ज़नपद मुजफ्फरनगर। लखीमपुर प्रकरण के चलते भारतीय किसान यूनियन का धरना शनिवार को भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के आने पर ख़त्म हो गया। इस दौरान तीसरे दिन भी डीएम कार्यालय से अफसरों के नदारद रहने के कारण किसानों का हौसला बढ़ा रहा। यही कारण है कि शनिवार को जनपद के ग्रामीण इलाकों से भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्राली के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और इस 75 घंटे के धरना प्रदर्शन में शामिल रहे। इसके साथ ही किसानों ने इसे आरपार की लड़ाई बनाने का आह्वान किया, वहीं किसान नेताओं ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर भाजपा का एजेंट बनकर काम करने के आरोप लगाते हुए चेतावनी दी। आज इस धरने को रालोद ने भी अपना समर्थन दिया है।
धरने के आज तीसरे दिन बुढाना से रालोद विधायक राजपाल बालियान भी यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर चल रहे 75 घंटे के धरने प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान यूनियन के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने जिला प्रशासन पर लापरवाही सहित यूनियन को दबाने का आरोप लगाया। यूनियन के जिलाध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह हमें यहां पर धरना देने के लिए जगह भी नहीं दे रहे थे। धरना स्थल पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट अनूप कुमार और सीओ सिटी कुलदीप कुमार को यूनियन के पदाधिकारियों के रोष का सामना करना पड़ा। धरने में मौजूद राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने भी जिला प्रशासन पर सरकार का एजेंट बनकर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसानों की पीड़ा उनको दिखाई नहीं दे रही है। लखीमपुर खीरी में धरने प्रदर्शन में मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित किया जा रहा है, 120 बी का मुजरिम अभी भी अपने पद पर बना हुआ है, किसानों की लोकल समस्याएं भी हैं, जब तक इनका समाधान नहीं होता धरना चलता रहेगा। वहीं जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह आंदोलन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र उर्फ टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने, बिजली दरों और नलकूपों पर विद्युत मीटर लगाए जाने, अग्निपथ योजना वापस लेने, शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा, किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी की मांग के लिए किया जा रहा है। धरने पर आज भी भोजन किसानों ने ही बनाया। और धरने स्थल पर टेंट कूलर और रात को सोने के लिए गद्दो का इंतजाम किया गया था। तीन रात चले इस धरने प्रदर्शन में किसानों ने अपने लिए डीएम ऑफिस को ही अपना आशियाना बना रखा था।