कांग्रेस ने और भाजपा ने हिमाचल में राज किया, दोनों ने ही शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद किया- केजरीवाल

in #himachal2 years ago

IMG-20220611-WA0007.jpgनई दिल्ली/हिमाचल- आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान के साथ हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ ‘शिक्षा संवाद’ किया। इस दौरान ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की तरह आप भी हिमाचल में बटन बदल कर अपने बच्चों का भविष्य बदल दो। आपके बच्चों का भविष्य आपके हाथ में है। कांग्रेस ने 30 साल और भाजपा ने 20 साल हिमाचल में राज किया। दोनों ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही मौका है। अगर आपको अपने बच्चों के भविष्य को बचाना है, तो इस बार आपको सरकार बदलनी पड़ेगी। अभी तक तो आपके पास मौका नहीं था, लेकिन इस बार मौका है। मैंने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 16 लाख बच्चों की जिंदगी बना दी। अब हिमाचल के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 8.5 लाख बच्चों की जिंदगी बनानी है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर हमने 5 साल में दिल्ली के स्कूल ठीक कर दिए, तो क्या 30 साल में कांग्रेस और 20 साल में भाजपा के लोग हिमाचल के स्कूल ठीक नहीं कर सकते थे? अब फिर ये आकर कहेंगे कि एक और मौका दे दो। हम तो कह रहे हैं कि हमें बस एक ही मौका दे दो। दोबारा मत देना।

हिमाचल के दो हजार स्कूलों में एक ही शिक्षक है, जबकि 722 स्कूलों में एक ही कमरा है, इन लोगों ने शिक्षा का मजाक बना रखा है - अरविंद केजरीवाल

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शिक्षकों और अभिभावकों के साथ ‘शिक्षा संवाद’ करते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नवंबर में हिमाचल प्रदेश का चुनाव है। यह चुनावी दौरा है। इस चुनावी दौरे के बीच में मैं आपके साथ शिक्षा पर बात करने आया हूं। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आप लोग हिमाचल में इतने दिनों से रह रहे हो। क्या बीजेपी और कांग्रेस चुनाव के दौरान कभी आपसे शिक्षा पर बात करने के लिए आई। किसी पार्टी ने आकर कहा कि हमें आप वोट दे दो, हम स्कूल ठीक कर देंगे। किसी पार्टी ने आकर कहा कि हम आपके बच्चों को शिक्षा दे देंगे। लोगों के लिए शिक्षा मुद्दा ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश में 14 लाख बच्चे स्कूल जाते हैं और इन 14 लाख बच्चों में से 8.50 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं और 5.50 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते हैं। करीब 70-80 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। इसका मतलब कि हिमाचल प्रदेश में काफी गरीबी है। हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत काफी खराब है। आदमी के पास दो पैसे आ जाते हैं, तो वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना चाहता है। हर मां-बाप यह चाहते हैं कि मेरे बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। एक रिक्शे वाला और मजदूर भी चाहता है कि मेरे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले। मजबूरी में आदमी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजता है। आज हिमाचल प्रदेश की जो सरकारी शिक्षा व्यवस्था है, इससे इन 8.50 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में है। हिमाचल में 2000 स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक ही शिक्षक है। स्कूल आठवीं और पांचवी तक है और उनमें एक ही टीचर है। वह एक शिक्षक पांच क्लासेज और आठ क्लास को कैसे पढ़ाएगा। वो पढ़ा ही नहीं सकता। इसलिए इन स्कूलों में पढ़ाई होती ही नहीं है। इसलिए इन बच्चों को कुछ भी नहीं आता है। इन बच्चों का क्या कसूर है? यह भी तो अपने भारत के ही बच्चे हैं, इनको कौन शिक्षा देगा। कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें एक भी शिक्षक नहीं है। 722 स्कूल ऐसे हैं जिसमें एक कमरा है। उसी कमरे में पहली दूसरी, तीसरी, चौथी और पांचवी क्लास लगती हैं। कई जगह तो आठवीं तक की क्लास भी एक ही कमरे में लगती है। यह कैसे हो सकता है। इन लोगों ने मजाक बना रखा है। हिमाचल प्रदेश के 12वीं क्लास के नतीजे 2019 में 62 फीसद और 2020 में 76 फीसद आए थे। हिमाचल के 55 सरकारी स्कूल ऐसे थे, जिनमें एक भी बच्चा पास नहीं हुआ। यह मैंने इंटरनेट पर देखा है। अभी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में किसी ने पीआईएल दाखिल कर कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंडी के अंदर एक सरकारी स्कूल को तोड़कर वहां पर मॉल बना रही है। यह हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था है।

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