एसीएमओ डा. सुशील कुमार को सौंपी गई जांच

in #wortheum2 years ago

सत्येंद्र कुमार पांडेय
हरदोई। सीएमओ दफ्तर में दिव्यांग पटल की ज़िम्मेदारी निभा रहे बाबू के स्याह-सफेद कारनामों की जांच को हरी झंडी मिल गई है। अपने हाथों से बहू-बेटे और बेटी को दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने के मामले का खुलासा हुआ तो महकमें में खलबली मच गई। उसकी सारी हरकतों से बे-खबर अफसर अब बा-खबर हो गए हैं। आखिर हकीकत क्या है यह जांच के बाद मामला साफ होगा।

सीएमओ दफ्तर में दिव्यांग पटल को देख रहे बाबू 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो चुके है। वैसे तो उनके कारनामे पता थे, लेकिन एक चिट्ठी ने उनके कारनामों का सारा चिट्ठा खोल दिया। अतुल कुमार सिंह की शिकायत थी कि बाबू ने अपना दबदबा दिखाते हुए बेटे व बहू को दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करवा कर उन्हें स्वास्थ्य महकमें में और इसी जुगाड़ से अपनी बेटी को बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी दिला दी। सुनने में आया है कि दिव्यांग प्रमाणपत्र के सत्यापन में भी लाखो का लेन-देन किया गया, उसमें भी इसी बाबू का हाथ रहा। बहू-बेटे और बेटी को दिव्यांग बनाने वाले इस बाबू की सारी करतूत सामने आई तो खुद महकमें के लोग भी सन्न रह गए। बाबू के मामले की जांच कराई जाएगी। इसकी हरी झंडी दे दी गई है। इसकी एसीएमओ डा.सुशील कुमार को जांच सौंपी गई है।माना जा रहा है कि अगर ईमानदारी के साथ सही जांच की गई तो तमाम चौंकाने वाली बातें सामने आ सकती है।

इनसेट-
सारे दिन रही गहमा-गहमी
हरदोई। बाबू के बारे में जिसे भी पता चला,उसी ने दांतों के नीचे अंगुली दबा ली। सुबह दफ्तर बाद में खुला, उससे पहले ही वहां गहमा-गहमी रही। सीएमओ दफ्तर का हर कोई बाबू की इसी कारस्तानी पर हैरत कर रहा था।

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