पहले भी विवादों में रहे हैं डीसीपी शंकर चौधरी, लाजपत नगर में लेनदेन को लेकर हुआ था विवाद
नई दिल्ली, डीसीपी शंकर चौधरी 2011 बैच के आइपीएस हैं। इन्हें नौ माह पहले पहली बार द्वारका जिले की जिम्मेदारी दी गई थी। पदभार संभालने के बाद उन्होंने जिले में बदमाशों के साथ मुठभेड़ करना शुरू किया। विवाद होने पर उन्हें मुख्यालय से मुठभेड़ जैसी कार्रवाई करने से मना कर दिया गया। उसके बाद भी आए दिन अपने अटपटे फैसलों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे।
उन्होंने जिला पुलिस के बीच ऐसी छवि बनाई कि उनकी गिनती दिल्ली के सबसे सख्त डीसीपी के तौर पर होने लगी। बताया जाता है कि हर दिन देर रात तक वह कार्यालय में बैठकर थाना प्रभारियों को अलग-अलग तरह के निर्देश जारी करते थे जिससे खासतौर पर इंस्पेक्टरों में उनके प्रति खासी नाराजगी थी।
यह भी चर्चा है कि उन्होंने एएसआइ किशन को अपना आपरेटर बनाया हुआ था। डीसीपी के निर्देश पर वह सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी करता था। इस बात को लेकर भी जिले के अन्य अधिकारियों में नाराजगी थी।
सूत्रों का कहना है कि दस साल पहले जब शंकर चौधरी लाजपत नगर सब डिवीजन में एसीपी थे तो निजामुद्दीन इलाके में स्थित नत्थू स्वीट्स के मालिक से लेनदेन का मामला सामने आने पर तत्कालीन संयुक्त आयुक्त विवेक गोगिया ने उन्हें वहां से हटा दिया था। बाद में दिल्ली से बाहर तबादला कर दिया गया।