भट्टे का संचालन शुरू करने से पहले जमा करना होगा विनियमन शुल्क

in #hardoi10 months ago

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हरदोई। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने बताया है कि शासन के निर्देशानुसार अनुसार ईंट भट्ठा स्वामियों से पायों के आधार पर विनियमन शुल्क हेतु निर्देश दिये गये है। विनियमन शुल्क ईंट भट्ठा सत्र 2023-24 (01 अक्टूबर 2023 से 30 सितम्बर 2024 तक) के लिए मान्य होगा। ईंट भट्ठा सत्र के लिए विनियमन शुल्क विभिन्न श्रेणियों के जनपदों के लिए पायों की संख्या के आधार पर देय होगी। ईंट भट्ठा स्वामी को upmines.upsdc.gov.in पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ आवेदन शुल्क रु०-2000/- ईंट भट्ठा स्वामी का विवरण भट्ठा स्थल का Geo-cordinate विवरण भट्ठा का प्रकार (सामान्य/जिग-जैग) पायों की संख्या, ईंट मिट्टी के खनन क्षेत्र का विवरण भट्ठा सत्र सहित बांछित विवरण आवेदक फीड करेगा। ईंट भट्ठा स्वामी को आवेदन-पत्र के साथ ईंट-भट्ठे के संबंध में रायल्टी/विनियमन शुल्क बकाया न होने का शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। फीड की गयी सूचना के अनुसार ईंट-भट्ठों में पायों की संख्या के आधार पर देय विनियमन शुल्क एवं पलोथन की धनराशि अग्रिम रूप से पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से आनलाइन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक 0853 अलौह खनन तथा धातुकर्म उद्योग-102-खनिज रियायत शुल्क किराया और स्वत्व शुल्क में जमा की जायेगी। विनियमन शुल्क आनलाइन जमा करने पर ईंट भट्ठा स्वामी पोर्टल से विनियमन शुल्क जमा का प्रमाण पत्र पोर्टल से जनित कर सकेंगे। ईंट भट्ठा स्वामियों द्वारा विनियमन शुल्क (Regulating Fees) अग्रिम रूप से जमा किये जाने के उपरान्त ही भट्टे का संचालन किया जायेगा। विनियमन शुल्क की धनराशि जमा किये बिना संचालित ईंट भट्ठों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। ईंट-मिट्टी के लिए विनियमन शुल्क की धनराशि के 10 प्रतिशत के समतुल्य धनराशि ईंट बनाने के काम आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिए ईंट भट्ठा स्वामियों द्वारा जमा किया जाना होगा। 30 नवम्बर 2023 तक जमा की गयी विनियमन शुल्क (Regulating Fees) की धनराशि पर किसी प्रकार ब्याज नही होगा, किन्तु उक्त तिथि के उपरान्त जमा की गयी धनराशि पर नियमानुसार ब्याज देय होगा। यदि किसी ईंट भट्टे में पायों की संख्या-ईट भट्ठा स्वामियों द्वारा प्रस्तुत आवेंदन पत्र में घोषित पायों की संख्या से अधिक पायी जाती है तो ऐसे ईंट भटठों के वास्तविक पायों की संख्या के आधार पर नियमानुसार राजस्व क्षति वसूल की जायेगी। यदि किसी ईंट भट्ठा के पायों की संख्या अथवा स्थान में परिवर्तन किया जाता है तो सम्बन्धित ईंट भट्ठा स्वामी द्वारा तत्सम्बन्धी सूचना 30 दिवस के अन्दर अद्योहस्ताक्षरी एवं ज्येष्ठ खान अधिकारी/खान अधिकारी/खान निरीक्षक सहित भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय को देना अनिवार्य होगा। जनपद में तैनात भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के ज्येष्ठ खान अधिकारी/खान अधिकारी/खान निरीक्षक द्वारा स्थलीय जॉचोपरान्त जनपद में कार्यरत ईंट भट्ठों का पूर्ण विवरण निर्धारित प्रारूप पर सम्बन्धित अद्योहस्ताक्षरी एवं निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त अपर जिलाधिकारी /प्रभारी अधिकारी (खनिज) द्वारा सम्बन्धित उप उपजिलाधिकारियों से जनपद में कार्यरत ईंट भट्ठों के स्थलीय निरीक्षण के आधार पर पर सूचना प्राप्त कर संकलित सूचना सम्बन्धित अद्योहस्ताक्षरी के माध्यम से निदेशालय को उपलब्ध कराया जायेगा। प्राप्त सूचना के अनुसार सम्बन्धित ईंट भट्ठों के पायों की संख्या के आधार पर देय विनियमन शुल्क, पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) पर देय धनराशि (देय विनियमन शुल्क की धनराशि का 10 प्रतिशत) तथा आवेदन शुल्क की धनराशि जमा कराने की स्थिति का पाक्षिक अनुश्रवण किया जायेगा। ईंट भट्ठा स्वामियों पर उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली 2021 के नियम-3, 21 (2), 42 (ड.) एएवं 59 (2) के प्राविधान लागू होंगे। उक्त व्यवस्था मा० न्यायालयों, मा० राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेशों के अधीन होगा। अतः शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराते हुए कृत कार्यवाही से अद्योहस्ताक्षरी को अवगत कराया जाये, ताकि तदनुसार शासन, निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म उ०प्र० लखनऊ को अवगत कराया।