महिला आयोग की सुनवाई के बीच अचानक कलेक्ट्रेट पहुंची 4 महिलाएं, बोलीं- 'अभी हम जिंदा हैं'
Chhattisgarh News: मुंगेली (Mungeli News) कलेक्ट्रेट में महिला आयोग की जनसुनवाई के दौरान उस वक्त हंगामा खड़ हो गया जब 4-5 बुजुर्ग महिलाएं ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए आवेदन दिया. महिलाओं का आऱोप है कि पंचायत की गलती की चलते उन्हें दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया. अब उन्हें सालों से राशन और सरकारी सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
मुंगेली. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कलेक्ट्रेच सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिला उत्पीड़न के मामलों की सुनवाई की. इस दौरान एक अनोखा मामला सामने आया जहां 4बुजुर्ग महिलाएं ने खुद को जिंदा साबित करने के लिए आवेदन दिया. फिर इस मामले की सुनवाई की गई. महिला आयोग की अध्यक्ष के सामने खुद को जिंदा बताते हुए महिलाओं ने कहा कि इन्हें पंचायत की घटिया हरकत के चलते सभी दस्तावेजों में मृत बता दिया गया है.इसके कारण इन्हें 4 साल से न तो राशन मिल रहा था और ना ही पेंशन की सुविधा मिल पा रही थी. इससे परेशान होकर महिला आयोग में गुहार लगाने पहुंची थी. इसके बाद महिलाओं को कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.
2016 से न्याय के लिए भटक रही महिलाएं
बुजुर्ग महिलाओं की पीड़ा सुनकर अधय्क्ष किरणमयी नायक ने अनुशंसा करते हुए कहा कि 2016 से ये महिलाएं खुद को जिंदा साबित करने भटक रही हैं. इन्हें उचित मुआवजा मिले और जो भी इसके लिए जिम्मेदार सरपंच सचिव होंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए.गौरतलब है कि ये पूरा मामला लोरमी इलाके के चेचानडीह गांव का है जहां साल 2016 से 4-5 बुजुर्ग महिलाओं को मृत बता कर उन्हें शासन से मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित रखा गया जो कि पूरी तरह संवेदनहीनता को दर्शाता है. वहीं इन्हें खुद को जिंदा साबित करने आफिस के चक्कर काटने पड़े.