दुधारू मवेशियों को लगाया जा रहा ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन

in #sultanpur2 years ago

Sultanpur news:-सुल्तानपुर। शहर समेत ग्रामीण अंचल के निजी डेयरी चलाने वाले दूधिए मवेशियों को प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग की ओर से रोक लगाए जाने के बावजूद इंजेक्शन का उपयोग करने से दूधिए बाज नहीं आ रहे हैं। इंजेक्शन के प्रयोग से घातक बीमारियों का खतरा बना रहता है।
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जिले में पशुपालन विभाग की ओर से कई डेयरी का संचालन हो रहा है। इसके अलावा कई बड़े पशुपालक अपनी खुद की डेयरी चला रहे हैं। ज्यादातर पशुपालक गाय व भैंस का दूध उतारने के लिए प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। जिले के कस्बाई बाजारों में किराना की दुकानों पर प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन आसानी से मिल जाता है।

पशु चिकित्सकों के अनुसार इस इंजेक्शन का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में प्रसव की विषमता के दौरान किया जाना चाहिए। हालांकि इसकी संभावना कम ही रहती है क्योंकि यह हार्मोन जानवर की पीयूष ग्रंथि से स्वत: स्रावित होता है जो प्रसव को सुगम बना देता है। इसके बावजूद पशुपालक ऑक्सीटोसिन का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस इंजेक्शन का इस्तेमाल किए जाने से पशुओं के साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लगातार इसके इस्तेमाल से पशुओं के गर्भाशय की कोशिकाएं टूट जाती हैं और मादा पशु बांझपन की शिकार हो जाती है। साथ ही मादा पशुओं में थनैला रोग की आशंका भी बढ़ जाती है। जानकारों के अनुसार जिन पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाया जाता है, उनके दूध का सेवन करने वाले लोग भी तमाम घातक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
राजकीय पशु चिकित्सालय धनपतगंज के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके अग्रहरि ने बताया कि ऑक्सीटोसिन से निकाला गया दूध हानिकारक होता है। इस इंजेक्शन को यदि पशुपालक किसी भी तरह से दूध निकालने या अन्य कामों के लिए उपयोग में लाते हैं तो इससे पशु धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है। लंबे समय तक ऑक्सीटोसिन का प्रयोग करने से पशुओं में बांझपन की भी समस्या खड़ी हो जाती है। इसका पशुओं के लिए इस्तेमाल करना कानूनन जुर्म है।
जिले में सब्जी की खेती करने वाले किसान भी बड़ी मात्रा में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं। सब्जी उत्पादक किसान कम समय में सब्जी व फलों को बढ़ाने के लिए इस इंजेक्शन का बहुतायत में प्रयोग करते हैं। लौकी, कद्दू व करेला आदि सब्जियों की खेती करने वाले किसान ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं।