हो रहा हृदय अब तार-तार

in #news2 years ago

मेघ-मल्हार एक हिन्दुस्तानी शास्त्रीय राग है। य़ह एक मौसमी राग है जिसे वर्षा के निमंत्रण के रूप में गाया जाता है।

मेघ- मल्हार

गुज़र गया य़ह सावन भी
रूखा-सूखा जैसे-तैसे
जैसे बीत रहा था बरसों से
बिना किसी चाव- दुलार
कौन गाता फिर मेघ-मल्हार

बन गया य़ह जीवन मेरा
नेह-निर्झर बिन सूखी धार
तुम बिन कौन करेगा प्यार
टूट गए सब वीणा के तार
कौन गाता फिर मेघ-मल्हार

छम- छम रोते प्यासे नैना
आंखों में कट जाए रैना
पग -पग तरसा आहत मन
कैसा बीता तुम बिन सावन
सोच -सोच व्यथित अंतर्मन

हो रहा हृदय अब तार-तार
कौन गाता फिर मेघ-मल्हार

स्व रचित