जिलाबदर करने के बाद सरकार और पुलिस को चेतावनी दे रहा था बेलिम
एसडीपीआइ की आड़ में सांप्रदायिकता फैलाने वाले अब्दुल रऊफ बेलिम के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जिलाबदर होने के बाद भी बेलिम प्रदर्शन, विरोध और बैठकें ले रहा था। यहां तक कि इंटरनेट मीडिया पर सरकार और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध बयानबाजी भी कर रहा था। पुलिस अब उसकी इंटरनेट आइडी और काल डिटेल की जांच में जुट गई है।
माणिकबाग (जूनी इंदौर) में रहने वाला बेलिम सबसे पहले तस्लीम चूड़िवाला कांड में राडार पर आया था। थाना का घेराव करने में बेलिम और उसके साथियों की अहम भूमिका थी। पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने के बाद बेलिम को जिलाबदर करवा दिया। इसके बाद उसने अपना मुख्य अड्डा भोपाल को बनाया और शासन-प्रशासन से विरुद्ध प्रचार-प्रसार शुरू करवा दिया।
देखिए किस तरह की कमेंट्स कर रहा था बेलिम
2 सितंबर बेलिम सोचता था जिलाबदर कर के आवाज दबा देगा।
29 अगस्त को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) द्वारा भोपाल पुलिस को ज्ञापन सोंपा।
26 अगस्त को बेलिम समर्थक इमरान ए खोकर ने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ वीडिया जारी किया।
पीएफआइ पर प्रतिबंध के आदेश जारी होते ही पुलिस और इंटेलिजेंस विभाग ने इंदौर में पीएफआइ के कार्यालय पर पहरा बैठा दिया। इंदौर में पीएफआइ कार्यालय जवाहर मार्ग स्थित एक इमारत की तीसरी मंजिल पर है। इंटेलिजेंस के मुताबिक कार्यालय पहले ही सील हो चुका है। लिहाजा निगरानी के उद्देश से कार्यालय पर पहरा बैठा दिया गया है।
इंदौर में सक्रीय पीएफआइ नेता-सदस्यों की सूची
अब्दुल करीम बेकरीवाला, कपिल रजा, अब्दुल सईद लोधी, तौफिक रजा, शकील अहमद छीपा, साजिद उर्फ गुलाम नबी, अब्दुल खालिद, अजीजुर्ररहमान, सावेज, फैजान, सलमान, मिर्जा जफर, मोहसिन, साबिर, अब्दुल करीम, शाहरुख, अब्दुल मतीन, नौशाद, गुलाम हैदर, अदनान, जावेद इकबाल, तौसिफ, मोहम्मद यासिन, लईक, गुलाम, सिकंदर, अब्दुल वहीद, अब्दुल, इमरान, शेख जावेद, यासिर अराफात, मेहमूद, मो.सफी, नासिर, इमरान, अब्दुल हमीद, अब्दुल अजीज, अब्दुल हमीद, शोएब, शाहरुख, मकसूद, मोहम्मद रईम, शरीफ, वसीम, मोहम्मद फैजल, मूनीर अहमद, मो. अजीम, जैद अमजद।