हमीदिया अस्‍पताल के सभी विभागों में फिर होगी टोकन व्यवस्था, शिशु रोग विभाग से हुई शुरुआत

in #bhopal2 years ago

31_08_2022-hamidia_h_new_block_22536.jpg हमीदिया अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को सहूलियत हो जाएगी। उन्हें अब लंबी-लंबी कतार बैंक और अन्य बड़े संस्थानों की तरह टोकन के जरिए इलाज मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि उन्हीं लंबी-लंबी कतार से मुक्‍ति मिल जाएगी। मरीज को डाक्टर के पास दिखाने के लिए बारी आने पर नाम पुकारा जाएगा। अस्पताल में इसकी शुरुआत शिशु रोग विभाग से की गई है। अभी कागज में नंबर लिखे टोकन यहां पर दिए जा रहे हैं। बाद में टोकन डिस्प्ले के लिए स्क्रीन लगाई जाएगी। साल भर के भीतर दूसरे विभागों में भी टोकन व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है।
हमीदिया अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि शिशु रोग विभाग को इसलिए चुना गया है कि यह नए अस्पताल भवन के ब्लाक-बी में मई से संचालित हो रहा है। यहां मरीज और उनके स्वजन के बैठने के लिए पर्याप्त जगह है। टोकन नंबर दिखाने के लिए स्क्रीन लगाना भी आसान होगा। एक और व्यवस्था यह की गई है कि इलाज के लिए आने वाले बच्चों के स्वजन को एक फार्मेट दिया जा रहा है। पर्चा बनवाने वाला बच्चा या स्वजन खुद अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, विभाग का नाम, पता इसमें भरकर देते हैं। इसका एक फायदा यह होता है कि पर्चा जल्दी बन जाता है। दूसरा यह कि पर्चे में भरी गई जानकारी गलत नहीं होती। बता दें कि यहां ओपीडी और भर्ती का पर्चा बनवाने के लिए एक काउंटर बनाया गया है। इसके पहले शिशु रोग विभाग की ओपीडी कमला नेहरू अस्पताल में थी, लेकिन पर्चा ट्रामा यूनिट के पास बनता था।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के दो पंजीयन काउंटर होंगे
हमीदिया अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अगले महीने सुल्तानिया अस्पताल भी ब्लाक-बी में शिफ्ट हो जाएगा। भूतल पर इसकी ओपीडी रहेगी। इनके पंजीयन के लिए यहां पर दो काउंटर बनाए जाएंगे। यानी मरीजों या उनके स्वजन को पर्चा बनवाने के लिए ट्रामा यूनिट के पास बने मुख्य पंजीयन काउंटर के पास नहीं जाना पड़ेगा।
दो विभागों में पहले से है आधी-अधूरी व्यवस्था
इसके पहले यहां हड्डी और सर्जरी विभाग में हास्पिटल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (एचएमआइएस) के तहत टोकन व्यवस्था करीब चार साल पहले लागू की गई थी। यहां स्क्रीन पर टोकन नंबर दिखाए जाते हैं, लेकिन हाल यह है कि दोनों विभागों में डाक्टर ही इसके अनुसार मरीज नहीं देख रहे हैं।