ग्राम पंचायत घूरा से सरपंच पद हेतु धनीराम पटेल किया नामांकन दाखिल
बमीठा/घूरा :-भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सेवा, समर्पण और संकल्प की पराकष्ठा पर खरा उतर कर लोगो के बीच मे धनीराम पटेल ने अपनी एक अलग पहचान बनाई हैये तीन शब्द दिखने में वैसे तो बहुत छोटे हैं पंरतु इनका अर्थ बड़ा ही मत्वपूर्ण हैं । हर शब्द मानव जीवन का अभिन्न अंग हैं । आज के इस संघर्ष भरे जीवन में ओर कलयुगी दौर में इन तीनों शब्दों का मिलान एक साथ होना असंभव सा है । परतुं यह तीनों शब्दों की परिकाष्ठा पर खरा उतरने का कार्य धनीराम पटेल में एक दौर ऐसा भी आता हैं जब इंसान अपने लिए सोचता हैं अपनी जीवन की संरचना तैयार करने में लगता हैं जब धनीराम पटेल ने सोचा लोगों की कैसे सेवा की जाए यह भाव आया था फिर क्या था,,,,,, अब कहानी शुरू होती हैं घूरा ग्राम पंचायत के सरपंच पद के उम्मीदवार धनीराम पटेल की चुनाव की घोषणा होते ही तमाम अटकलों के बीच चुनाव लड़ने बात कही !इससे पहले धनीराम पटेल सेवा सहकारी समिति बमीठा के उपाध्यक्ष रह चुके!एक साधारण सा व्यक्तित्व, सरल स्वभाव, धार्मिक प्रवत्ति, मिलनसारिता इसी के साथ सभी के प्रति समान भाव रख कर यह लगातार घूरा में रहकर समाज सेवा कर रहे थे!धनीराम पटेल एक वर्ष से गम्भीर बीमारी से ग्रसित चल रहे थे बीमारी को मात देकर अपनों के बीच आये है
मीडिया से बात करते हुए धनीराम पटेल ने कहा पंचायत चुनाव में ऐसे भी व्यक्ति चुनाव मैदान में उतरने और जीत की दाबेदारी ठोंक रहे हैं, जिन्हें पंचायतीराज व्यवस्था के बारे में ठीक से जानकारी तक नही है. गांव में सरपंच के चुनाव विकास के मुद्दों पर नही लड़े जाते बल्कि एक दूसरे के व्यक्तिगत हित, स्वर्थ और धनबल के सहारे जीत हासिल होती है। यही वज़ह है गांव के विकास में सबसे बड़ी बाधा का होना..एक बार फिर मौका आया है। अपने गांव की तस्वीर बदलने का। बदल डालिये तस्वीर ..गांव को बना दीजिए निर्मल सुंदर गांव। गांव की सूरत बदलने के लिए आपको अपने मत कर प्रयोग बहुत ही सूझ बूझ कर करना होगा..मुखिया चुनते वक्त गांव की कच्ची सड़कें, टूटा नल, और स्कूल ध्यान में रखना होगा।