कुप्रबंधन का शिकार हो रहे गांव, पेयजल समस्या ले रही विकराल रुप

in #sojatroad2 years ago

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पेयजल संकट के चलते इस समय क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। नहाना धोना तो दूर ग्रामीणों को पीने का पानी तक नसीब नही हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में दस से पंद्रह दिनों से पेयजल आपूर्ति होने के कारण ग्रामीण पीने के पानी के लिए दर दर भटक रहे है। यही हाल कस्बे के निकटवर्ती सियाट गांव का है। जहां मौजूद क्ई हेडपंप विभागीय अनदेखी के चलते पिछले काफी समय से नाकारा पड़े है। ग्रामीणों का कहना हे कि विभागीय कुप्रबंधन के कारण यह जल स्त्रोत नाकारा हो ग्ए। जबकि सियाट के ही कारीगरों के मोहल्ले में पेयजल से त्रस्त ग्रामीणों की जब कहीं सुनवाई नही हुई तो ग्रामीणों नें रुपये एकत्रित कर हेडपंप ठीक करवाया। वर्तमान में यह हेडपंप आस पास के तीन चार मोहल्ले के लोगों के काम आ रहा है। जबकि सियाट के रामद्वारा चौक, मेघवालों का बास, अगलेचों का बास, कॉपरेटिव के पास लगे हेडपंप बंद पडे है। जिन्हे विभाग द्वारा ठीक करवा दिया जाए तो ग्रामीणों को पेयजल समस्याओं से राहत मिल सकती है।

खराब पड़े आधा दर्जन हेडपंप
पेयजल संकट की घड़ी में हेडपंप ग्रामीणों के लिए वरदान सिद्ध हो सकते हे, लेकिन दुर्भाग्यवश अकेले सियाट गांव में लगभग आधा दर्जन हेडपंप खराब पड़े है। एक दो हेडपंप में पानी आ रहा हे लेकिन पूरे गांव की प्यास उनसे नही बुझाई जा सकती

ग्रामीणों ने तैयार करवाया तीन मोहल्लों की बुझ रही प्यास
पेयजल समस्या को पहले से भांप कर सियाट के कारीगरों के मोहल्ले में खराब पड़े हेडपंप को ग्रामीणों ने ठीक करवाया था नतीजन यह हेडपंप आस पास के तीन मोहल्लेवासियों की प्यास बुझा रहा है।

गांव में पंद्रह दिनों बाद जलापूर्ति हो रही हे जो नाकाफी है। गांव में जगह जगह हेडपंप खराब पड़े हे जिनको ठीक करवा दिया जाए तो ग्रामीणों को पेयजल समस्या से काफी राहत मिल सकती है।
लोकेश मालवीय
ग्रामीण सियाट

जलदाय विभाग द्वारा पानी की सप्लाई नहीं होती हे तब 100- 120 लोगो की बस्ती में सिर्फ यह हैंडपंप ही पानी का एक मात्र स्रोत रहता है। उसको भी जनता ने अपने स्तर पर ठीक करवाया है
अमन प्रजापत
सियाट

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