बांगरमऊ SDM ने बंद पड़े सरकारी पुस्तकालय का किया निरीक्षण

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बांगरमऊ उन्नाव। एसडीएम नूपुर गोयल और नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी मोनिका उमराव ने करीब चार दशक से बंद पड़े नगर के एक मात्र सरकारी पुस्तकालय का निरीक्षण किया। वहां पर पुस्तकालय की अलमारियों में धूल फांक रहीं किताबें बाहर निकलीं। अब नगर के सुधी पाठकों को विभिन्न लेखकों और कवियों की पुस्तकें पढ़ने की उम्मीद जगी है।
बता दें कि करीब पांच दशक पूर्व तत्कालीन विधायक एवं कबीना मंत्री स्व. गोपीनाथ दीक्षित ने नगर स्थित हरदोई मार्ग पर जिले के प्रथम सांसद पंडित विश्वम्भर दयालु त्रिपाठी के नाम से सरकारी पुस्तकालय की स्थापना कराई थी। पुस्तकालय में करीब एक सैकड़ा विभिन्न लेखकों और कवियों की पुस्तकें उपलब्ध रहीं। यही नहीं बल्कि पाठकों को प्रतिदिन करीब आधा दर्जन विभिन्न अखबारों के अलावा इतनी ही पत्रिकाएं भी रुचि के अनुसार पढ़ने को मिलती रहीं।
करीब एक दशक तक यह पुस्तकालय नगर एवं क्षेत्र के पाठकों के लिए संचालित रहा। किंतु प्रदेश की सत्ता बदलते ही अज्ञात कारणों से नगर का एकमात्र पुस्तकालय बंद कर दिया गया और पुस्तकें सड़ी-गली अलमारियों में धूल फांकने लगीं। अब अरसे बाद तहसील प्रशासन ने इस ऐतिहासिक पुस्तकालय की सुध ली है। जिसके बाद एसडीएम और पालिका की अधिशासी अधिकारी ने गुरुवार को जर्जर हो चुके इस सरकारी पुस्तकालय का ताला खोलकर निरीक्षण किया। अधिकारी द्वय ने अलमारियों को खोलकर किताबों का भी बारीकी से निरीक्षण किया। एसडीएम नूपुर गोयल ने बताया कि जल्द ही साहित्यिक पत्रिकाएं और पुस्तकें मंगवाकर पुस्तकालय सुचारु रूप से संचालित कराया जाएगा। जिससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को भी निःशुल्क सुविधा रहेगी।

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