साहब ईमानदार लेकिन जुएं के अड्डे चल रहे धुंआधार

in #hardoi2 years ago

IMG-20220603-WA0004.jpgहरदोई। सीएम योगी व जिले के डंडा फटकार महकमें के मुखिया भले ही गुंडे माफियाओं व अराजकतत्वों पर कार्यवाही को लेकर बड़े बड़े दावे करते हो लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही दिखाई दे रही है। डंडा फटकार महकमे के मुखिया ने जिले में तैनाती मिलते ही अराजकतत्वों पर सख्ती करना शुरू की जिससे कुछ दिनों तक अराजकतत्वों में खौफ का आलम देखा गया लेकिन जुएं के अड्डों का संचालन करने वालों पर इस सख्ती का भी ज्यादा दिनों तक कोई खास असर नही हुआ जिसके चलते आज भी हरदोई नगर क्षेत्र का रेलवेगंज इलाका जुएं के अड्डों का हब बन गया।

हरदोई जिला मुख्यालय के रेलवेगंज इलाके में आज भी पुलिस की लापरवाही के कारण जुएं के फड़ सज रहे हैं और इन जुएं के फडों पर जिले के ही नही बल्कि गैर जनपदों के जुआरी दांव लगाने के लिए आते हैं। हरदोई पुलिस के मुखिया भले ही ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने की बात कहते रहे हो लेकिन पुलिस की नाक के नीचे ही पनप रहे जुएं के अड्डे पुलिस प्रशासन की लापरवाह कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। रेलवेगंज इलाके में पनप रहे जुएं के अड्डो का संचालन पैसे व रसूख की दम पर आज भी बेधड़क जारी है। रेलवेगंज इलाके में चल रहे जुएं के अड्डों के बारे में कई खबरें भी प्रकाशित की जा चुकी हैं लेकिन पुलिस प्रशासन को इस बात की कानों कान खबर तक नही है। सूत्र बतातें हैं कि जुएं के यह अड्डे रेलवे ओवरब्रिज के निकट स्थित बताशे वाली गली में, जिंदपीर चौराहे के पास, मंगलीपुरवा में धर्मकांटे के पास मिल के एक क्वार्टर सहित कई स्थानों से संचालित हो रहे हैं। जुएं के काले कारोबार को बंद कराने के लिए कई सामाजिक संगठन व राजनैतिक दलों के द्धारा जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक से कई बार शिकायत की जा चुकी है पर पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली और लापरवाही के चलते जुएं के अड्डे संचालित करने वाले संचालकों के हौसले बुलंद है। पुलिस की नाक के नीचे नगर में करोड़ो रूपये के जुएं का यह काला कारोबार फलफूल रहा है लेकिन पुलिस इससे अनजान बनी हुई है।

लोग दबी जुबान जुएं के काले कारोबार को बढ़ावा देने में पुलिस विभाग के ही कुछ लोगों का हाँथ बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि जुएं के अड्डों के विधिवत संचालन के लिए डंडा फटकार महकमे के कई जिम्मेदार अधिकारियों को मोटा चढ़ावा देकर उनकी जेबें भी गर्म की जा रही है इसलिए ही शायद जुएं के अड्डों पर कार्यवाही करने में डंडा फटकार महकमा दिलचस्पी नही ले रहा है।

एक समाचार पत्र के संवाददाता को नाम न छापने की शर्त पर एक जुआरी (जुआं खेलने वाला) ने बताया कि जुएं के कारोबार को करने के एवज में एक तय रकम जिम्मदारों को दी जाती है जिसके बाद यह कारोबार करने की छूट जुएं के अड्डे के संचालकों को मिलती है।

अब आगे देखना होगा कि जुएं के इस काले कारोबार पर पुलिस अंकुश लगाने का काम कर पाती है या नही, यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन कहीं न कहीं इसका खामियाजा समाज को उठाना पड़ रहा है।