चीन को पीछे छोड़ अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर, भारत को होंगे फ़ायदे

in #international2 years ago

IMG-20220530-WA0166.jpgअमेरिका चीन को पीछे छोड़ भारत का सबसे बड़ा कारोबारी पार्टनर बन गया है। कहा जा रहा है कि यह इस बात का सबूत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मज़बूत हो रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने वाणिज्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, बताया है कि 2021-22 में अमेरिका और भारत के बीच का द्विपक्षीय व्यापार 119 अरब डॉलर का रहा जबकि 2020-21 में 80.51 अरब डॉलर था। 2021-22 में भारत का अमेरिका से निर्यात 51.62 अरब डॉलर से बढ़कर 76.11 अरब डॉलर हो गया है। वहीं अमेरिका से भारत का आयात भी 2020-21 में 29 अरब डॉलर से बढ़कर 43.31 अरब डॉलर हो गया है।

2021-21 में भारत और चीन के बीच का द्विपक्षीय व्यापार 115.42 अरब डॉलर रहा जबकि 2020-21 में 86.4 अरब डॉलर था। भारत का चीन से निर्यात 2020-21 में 21.18 अरब डॉलर था जो कि 2021-22 में बढ़कर 21.25 अरब डॉलर हो गया है। वहीं भारत का चीन से आयात 2021-22 में बढ़कर 94.16 अरब डॉलर हो गया है जो कि पिछले वित्तीय वर्ष में 65.21 अरब डॉलर था।

भारत का चीन से 2021-22 वित्तीय वर्ष में व्यापार घाटा बढ़कर 72.91 अरब डॉलर हो गया है जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 44 अरब डॉलर था। कारोबारी विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के साथ यह ट्रेंड अभी थमेगा नहीं। अमेरिका और भारत लगातार कारोबारी रिश्ते मज़बूत कर रहे हैं।

पीटीआई से फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइज़ेशन के उपाध्यक्ष ख़ालिद ख़ान ने कहा कि भारत एक उभरता हुआ भरोसेमंद कारोबारी साझेदार है और वैश्विक कंपनियां केवल चीन पर अपनी निर्भरता कम कर रही हैं। ख़ान का कहना है कि ये कंपनियां अपना कारोबार भारत जैसे देशों में फैला रही हैं।

ख़ान ने कहा, ''आने वाले सालों में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय कारोबार और बढ़ेगा. भारत अमेरिका के अगुआई वाले इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क यानी आईपीईएफ़ में शामिल हुआ है और इससे दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते और मज़बूत होंगे।''

बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट (IIPM)के निदेशक राकेश मोहन जोशी ने पीटीआई से कहा कि भारत 1.39 अरब लोगों का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार है। इसके अलावा तेज़ी से बढ़ता हुआ एक आर्थिक बाज़ार है। दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के बीच ट्रेक्नॉलजी ट्रांसफर, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड और निवेश को लेकर अपार संभावनाएं हैं।''

जोशी कहते हैं, ''भारत जिन उत्पादों को अमेरिका भेजता है, उनमें पेट्रोलियम पॉलिश्ड हीरा, फार्मा उत्पाद, जूलरी, लाइट ऑइल और पेट्रोलियम के अलावा फ्रोजेन झींगा शामिल हैं। वहीं भारत अमेरिका से पेट्रोलियम, रफ डायमंड, एलपीजी, सोना, कोयला और बादाम ख़रीदता है।''

अमेरिका उन देशों में शामिल है, जिनके साथ भारत का व्यापार फ़ायदे वाला है। यानी भारत अमेरिका में सामान बेचता ज़्यादा है और ख़रीदता कम है। 2021-22 में भारत का अमेरिका से ट्रेड सरप्लस 32.8 अरब डॉलर का रहा।

डेटा से पता चलता है कि 2013-14 से 2017-18 और 2020-21 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार चीन था। चीन के पहले यूएई भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार था। 2021-22 में यूएई के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 72.9 अरब डॉलर रहा. यूएई अभी भारत का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। इसके बाद सऊदी अरब ( 42,85 अरब डॉलर), इराक़ (34.33 अरब डॉलर) और सिंगापुर (30 अरब डॉलर) हैं।