शाहाबाद के मोहल्ला सुलेमानी में 40 सालों से रह रहे यह परिवार होंगे बेघर ? जानिए वजह

in #hardoi2 years ago

FB_IMG_1652380683003.jpgहरदोई। चोटी का पसीना जब ऐड़ी तक पहुंचता है,तब कही दो जून की रोटी नसीब होती है। लेकिन ऐसे हालातो में भी उन गरीबों ने अपना और अपने बच्चों का पेट काट-काट कर हाउस टैक्स और वाटर टैक्स अदा करते हुए सरकार का पेट भरने में कोई समझौता नहीं किया। खुद भूखे रहें, लेकिन सरकार को भूखा नहीं रखा। सुलेमानी के उन ग़रीबों की यह कहानी है, जिन्हें नगर पालिका परिषद शाहाबाद ने बेदखली का नोटिस थमाया है।

FB_IMG_1652380698717.jpgबताते चलें कि शाहाबाद नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर-6 मोहल्ला सुलेमानी के रहने वाले इकबाल, वकार, चंदू उर्फ पप्पू, मुजीम, इशनाद और इज़हार को नोटिस जारी किया गया है कि भूखण्ड संख्या 6673 पर उनके जो मकान बने हुए हैं, सरासर गैर कानूनी है। ऐसा कर उन्होंने नगर पालिका अधिनियम 1916 उ.प्र. नगरीय योजना विकास अधिनियम 1973 के तहत गुनाह किया है। ज़मीन खाली करने की नोटिस में 7 दिन की मोहलत देते हुए कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो सख्ती के साथ उन्हें बेदखल किया जाएगा। इस बारे में वकार हो या अंसार सभी का यही कहना है कि उन्होंने हाउस टैक्स या वाटर टैक्स की अदायगी में ज़रा भी लापरवाही नहीं की। खुद भूखे रहें लेकिन सरकार को भूखा नहीं रखा। 40 सालों से नगर पालिका परिषद के सारे नियम पूरे कर रहे इन गरीबों का सवाल है कि इतने सालों से नगर पालिका परिषद बराबर टैक्स वसूलती रही, तब उसे भूखण्ड संख्या 6673 की हकीकत नहीं पता थी? अगर भूखण्ड संख्या 6673 पर बनाए गए मकान गैर कानूनी है तो फिर उन्हें किस शर्त पर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का लाभ दिया गया?

FB_IMG_1652380692177.jpgशायद नगर पालिका परिषद के ज़िम्मेदारों के पास इन सवालों के जवाब नहीं है। अगर सुलेमानी के गरीबों की कहानी के पन्ने आगे पलटे जाएं,तो उसमें तमाम ऐसे किरदार वाले लोग मिलेंगे जिन्होंने न जाने कौन-कौन से गुल खिलाए होंगे।