धौलपुर से सटे बाहरी क्षेत्र में जमीन पर लूट सके तो लूट
कीमत कम से कम 15 हजार रुपए वर्ग गज
धौलपुर (दीपू वर्मा) पैराफेरी एरिया यानी कि नगर परिषद् क्षेत्र से बाहर की जमीन की कीमत कम से कम 15 हजार रुपए वर्ग गज है। कीमत को देख जिनके रसूख नेताओं और पुलिस व जिला प्रशासन से हैं तथा जेब में खासा पैसा है, लार टपकने लगी है ऐसा ही एक वाक्या हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के इर्द-गिद खाली पड़ी करीब 3 करोड़ रुपए मूल्य की 1500 वर्ग गज जमीन का सामने आया है। तथाकथित कब्जाधारी ने पहले
कच्ची सड़क का निर्माण कराया और अब वह चारदीवारी का निर्माण करा रहा है। नगर परिषद् आयुक्त तहसीलदार व कार्यवाहक जिला कलक्टर से की गई शिकायत बेअसर साबित हुई हैं।
बता दें कि राजस्व ग्राम महमदपुर के खसरा नंबर 1161 व 1168 की करीब 30 बीघा जमीन बहाव क्षेत्र की है सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की ओर से पारित आदेश के अनुसार ऐसी जमीन पर आबादी गतिविधियां वर्जित हैं बावजूद इसके संबंधित अधिकारियों की अनदेखी के चलते जमीन के कुछ हिस्से पर माफियाओं ने वर्ष
1955 की स्थिति को नजरन्दाज करते हुए पहले ही आबादी बसा दी थी और कुछ हिस्सा जिला प्रशासन ने पुलिस गतिविधियों के लिए आवंटित कर दिया था। शेष जमीन पर रसूखदारों की नजर पड़ी तो उन्होंने नेताओं सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से गठजोड़ कर कब्जा करना शुरू कर दिया।
बताया जा रहा है कब्जाधारी कोई और नहीं सोनी है शिकायत हुई बेसर कुछ लोग बहाव क्षेत्र की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर बेचने वालों की शिकायत लेकर नगर परिषद आयुक्त के पास गए तो उन्होंने कह दिया कि जमीन नगर परिषद् क्षेत्र से बाहर की है। पैराफेरी क्षेत्र में होने
से जमीन का मालिकाना हक तहसीलदार के पास है। जिला कलक्टर ने कई पत्र लिखे जाने के बाद भी पैराफेरी क्षेत्र की करीब 618 बीघा जमीन नगर परिषद् को हस्तांतरित नहीं की है। शिकायतकर्ता तहसीलदार के पास गए तो उन्होंने हल्का पटवारी से जानकारी ली। पटवारी ने बता दिया कि जिस जमीन पर चारदीवारी का निर्माण कराया जा रहा है, वह जमीन खसरा नंबर 1161 की है और उसमें आबादी बसी हुई है शिकायतकर्ता कार्यवाहक जिला कलक्टर के यहां से भी निराश लौट आए।
पटवारी की माया अपरम्पार
पटवारी की माया अपरम्पार है। जिले के एक फीसदी लोग भी नहीं जानते हैं कि खसरे का सीमा ज्ञान कैसे किया जाता है? पटवारी खसरे की रेखा को इधर उधर कर बेशकीमती जमीन को किसी भी सटे खसरे में मिला सकता है और रेवेन्यू रिकार्ड में सिवायचक दर्ज कर सकता है।
मुस्तकिल प्वाइंट
मुस्तकिल प्वाइंट के बारे में भी एक फीसदी लोग नहीं जानते हैं। मुस्तकिल प्वाइंट से ही खसरे का सीमा ज्ञान किया जाता है और इन मुस्तकिल प्वाइंटों की जानकारी पटवारी को ही होती है। यही कारण है कि पटवारियों के भूमाफियाओं से गठजोड़ के चलते जलभराव, जलबहाव कुंआ, पोखर, तालाब बाबरी
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