गाजीपुर शरणस्थलीय बना अपराधियों का

in #shelter2 years ago

गाजीपुर Screenshot_20220718-103211_Google.jpgकरंडा : पिछले कुछ दिनों से पुलिस की शिथिलता की वजह से करंडा अपराधियों की शरणस्थली बनी हुई है। चोरी की घटनाएं , जुआ खेलने व रंगदारी और हत्या की घटनाओं के बाद भी पुलिस सक्रिय नहीं हुई, अलबत्ता लोगों ने पुलिस पर उत्पीड़न और अवैध वसूली का ही आरोप लगाया। करंडा थाना क्षेत्र के बासूचक,शिवदासीचक, पहाड़पुर, मानिकपुर, मैनपुर, महाबलपुर सहित दर्जनों गांवों के दो दर्जन से भी अधिक स्थानों पर चोरियां हुई, मंदिरों में स्थित देवी की मूर्ति की सोने की आंख से लेकर सबमर्सिबल पम्प और दर्जनों बकरियां तक चुराई गयीं, पिछले महीने ही मानिकपुर में उपेन्द्र सिंह भट्ठा संचालक के यहां से जनरेटर की चोरी तथा चोचकपुर गाजीपुर मुख्य सड़क पर स्थित संदीप सिंह मुन्ना के सीमेंट इंट, पाईप आदि के कारखाने से मशीने तथा इनवर्टर आदि चोर उठा ले गये, पीड़ितों द्वारा पुलिस में लिखित शिकायत के बाद भी खानापूर्ति करके फिर स्थानीय पुलिस चादर ओढ़ कर सो जाती है , जुआरियों और गोतश्करों की तो जैसे चांदी कट रही हो, गो तश्करों के लिए गंगा नदी के रास्ते नावों से पशुओं को ले जाना सबसे सुरक्षित मार्ग है। नदी मार्ग से पशुतश्करों पर कार्यवायी न करने के लिए पुलिस को बहाना भी मिल जाता है कि पुलिस की कार्यवायी के समय बचने के लिए तश्कर नदी में कूदकर भागने के प्रयास में डूबकर मर सकते हैं। अपराधियों का हौसला तो इतना बुलंद है कि थाने के हिस्ट्रीशीटर, हत्या, रंगदारी, लूट सहित अन्य संगीन अपराधों को अंजाम देने वाले शातिर अपराधी राजू यादव और रवि यादव अब खुलेआम रंगदारी मांगने लगे हैं अप्रैल महीने में शातिर राजू यादव नंदगंज थाना क्षेत्र के देवकली गांव निवासी एक बैंक मैनेजर के यहां अपने साथियों संग दिनदहाड़े पहुंच कर पांच लाख रुपये की रंगदारी मांगा यह घटना मैनेजर के घर पर लगे सीसीटीवी में रिकार्ड हो गयी, नकद पैसा नहीं होने पर मैनेजर से चेक लेकर गया। घटना के कई दिनों बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मुकदमा पंजीकृत किया गया लेकिन अभी तक राजू और उसके साथियों पर कोई कार्यवायी नहीं हुई।
जबकि राजू यादव वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गोबरहां में वर्ष 2004 में हुई एक हत्या के बाद से ही सक्रिय हुआ है और 2017 में चोचकपुर निवासी व्यापारी रामजी गुप्ता के घर पर फायरिंग के कुछ माह बाद ही करंडा के ब्राम्हणपुरा में संघ कार्यकर्ता और पत्रकार राजेश मिश्रा की दिनदहाड़े हत्या करके राजू - रवि गैंग ने पूरे पूर्वांचल को झकझोर दिया था लेकिन कभी करंडा पुलिस उसको पकड़ नहीं पायी इस मामले के बाद 2018 में वह बलिया जिले में लूट की मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया था और लम्बे समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आकर पुनः सक्रिय है। उसका आका रवि यादव लोनेपुर में वीरेंद्र यादव की हत्या करके जरायम जगत में कदम रखने के बाद प्रदेश के अलग अलग जिलों समेत बिहार और झारखंड में भाड़े पर हत्या करता रहा है, 2017 में राजेश मिश्रा की हत्या में तब इसका नाम आया जब वाराणसी एसटीएफ की टीम दूसरे मामले में इसको झारखंड के गया से उठाकर पूछताछ कर रही थी तो इसने पत्रकार की हत्या की भी बात बतायी तब जाकर पत्रकार हत्या के पूरे मामले का खुलासा हुआ और हत्या के कारणों से पर्दा उठा, दो वर्ष पूर्व लखनऊ में पूर्व प्रमुख अजीत सिंह की दिनदहाड़े हुई हत्या में भी रवि यादव का नाम आया था लेकिन रवि एसटीएफ के हाथ नहीं लगा। अपराधियों के बेखौफ होने का एक और मामला करंडा बीडीओ अनिल कुमार श्रीवास्तव को मारने पीटने के मामले में गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों बाद धमकाकर उसी मामले में हलफनामा दिलवाने और पुनः मुकदमा पंजीकृत होने का है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण चर्चित हेरोईन तश्कर का ब्लाक प्रमुख पुत्र आशीष यादव एफआईआर दर्ज होने के महीनों बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है जबकि लोगों का मानना है कि रोज क्षेत्र में कहीं न कहीं आशीष यादव घूमते रहता है। एक सप्ताह पूर्व मामूली सी बात को लेकर ट्रैक्टर से खेत जोत रहे किसान संजय सिंह पर गोली मारकर हत्या करने का प्रयास करने वाला आरोपी भी खुलेआम घूम रहा है। रविवार को ही जमुआंव निवासी शिक्षक अखिलेश उर्फ अमितेश दूबे की हत्या, कुछ दिन पूर्व आर्केस्ट्रा में नाच देखने के मामले को लेकर बड़सरा के पास गोली मारकर शैलू यादव नामक एक युवक की 6 जून को 4169 ग्रुप द्वारा हत्या यह दर्शाती है कि अपराधियों के मन में अब पुलिस का भय नहीं रह गया है। क्षेत्र में 4169 ग्रुप भी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है आशीष यादव भी इसी ग्रुप का सदस्य है, वाराणसी के रोहनियां में एक युवक की हत्या में इसी ग्रुप के दो लोग बंद थे, कई अन्य चोरियों सहित मोटरसाइकिल लूट और चोरी तथा मारपीट के दो दर्जन से अधिक घटनाओं को इस ग्रुप ने अंजाम दिया है।
जिले के नये और युवा पुलिस कप्तान के आने के बाद लोगों में ये आस जगी है कि अब तक चल रही पुलिसिंग में बदलाव होगा।