इन राशियों में बना 'धन राजयोग' कराएगा तगड़ा धनलाभ, 2 माह तक धड़ल्ले से बटोरेंगे पैसा

in #astro2 years ago


किसी भी ग्रह चाल का असर वैसे तो सभी राशियों पर देखने को मिलता है. लेकिन कुछ राशियों को ग्रहों के गोचर, वक्री और मार्गी होने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शनि ने जुलाई में मकर राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश किया था. शनि को न्यायप्रिय देवता और कर्मफलदाता माना जाता है. शनि देव व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. शनि के वक्री अवस्था में होने से तीन राशि की कुंडली में धन राजयोग का निर्माण हो रहा है, जो कि इन राशि वालों के लिए बेहद लाभकारी है.

मेष राशि- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के वक्री होने से इस राशि में धन राजयोग बन रहा है. इस योग से व्यापार और करियर में आशातीत सफलता मिलेगी. मेष राशि के जातकों की गोचर कुंडली में रूचक और शश नाम के राजयोग का निर्माण हो रहा है. ये योग बेहद शुभ फलदायी माने जाते हैं. इससे व्यक्ति को आकस्मिक धनलाभ के योग बन रहे हैं.

व्यापार में अच्छा धनलाभ होने की संभावना है. इस अवधि में राजसत्ता की प्राप्ति हो सकती है. शुक्र और गुरु ग्रह स्वराशि में विराजमान होने के कारण नई जॉब का ऑफर आ सकता है. इस अवधि में किस्मत का पूरा साथ मिलेगा. इस दौरान टाइगर स्टोन धारण करना लाभदायी रहेगा.

मिथुन राशि- इस राशि में धन राज योग बनने से किस्मत पूरी तरह से साथ देगी. मिथुन राशि की गोचर कुंडली में भद्र और हंस नाम का राजयोग बन रहा है, जो कि व्यापार में अच्छा लाभ कराएगी. इस दौरान मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी. राजनीति में भी सक्रिय लोगों को सफलता मिल सकती है. इस दौरान नई नौकरी का ऑफर भी आ सकता है. नौकरी कर रहे जातकों को प्रमोशन और अप्रेजल मिल सकता है. विदेश से जुड़े हुए व्यापारियों को भी विशेष रूप से धन लाभ होगा. इस अवधि में ओनेक्स रत्न पहनना लाभकारी रहेगा.

कन्या राशि- इस राशि के जातकों की गोचर कुंडली में हंस और भद्र नाम का राजयोग बन रहा है, जो भाग्य का पूरा साथ दिलाएगा. अटके हुए जरूरी काम पूरे हो सकते हैं. वहीं, संतान पक्ष से भी कोई शुभ समाचार मिलने की संभावना है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्तियों इस समय सफलता हासिल करेंगे. व्यापार से संबंधित यात्रा कर सकते हैं, जो कि लाभदायी सिद्ध होगी. कोर्ट कचहरी के मामले में भी सफलता मिलेगी. इस दौरान पन्ना पहनना लाभकारी रहेगा.