नागपुर में ईलाज न मिलने के बाद मिशन अस्पताल में डॉ. ने निकाला 7 किलो मवाद....

in #damohlast year

जाखो राखे साईयाँ मार सके ना कोय
महिला मरीज़ के शरीर से निकला 7 किलो मवाद
नागपुर में 22 दिन भर्ती रहने के बाद दमोह के मिशन अस्पताल में मिला सही इलाज़, ऑक्सीजन पर आई महिला स्वस्थ होकर लौटी अपने गाँव...

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दमोह -,दमोह जिले के बटियागढ़ निवासी गेंदा बाई जो अपनी किडनी की समस्या से परेशान थी। जिसकी किडनी में ख़राबी आने से मवाद पस बनने लगी और इंफेक्शन सारे शरीर में फैलने लगा परिजनों ने नागपुर की निजी अस्पताल में बीस दिनों तक भर्ती रखकर इलाज़ कराया मरीज़ गेंदाबाई जिसके शरीर से 7 किलो मवाद पस निकला जब वहाँ भी कोई आराम नहीं मिला और ऑक्सीजन पर ही उसे वापस दमोह भेज दिया गया ऐसी नाजुक हालत में उसे मिशन अस्पताल लाया गया जहाँ 5 दिन भर्ती रहने के बाद पूर्ण स्वस्थ होकर अब अपने गाँव लौटी।

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दरअसल बटियागढ़ की रहने वाली गेंदाबाई की राइट किडनी में इंफेक्शन की वजह से शरीर में पस मवाद बन गया । किडनी ठीक तरह से काम नहीं कर रही थी। जिसके के चलते शरीर में इंफेक्शन फैल गया बीपी कम हो गया । जिसके शरीर से काफी मात्रा में मवाद निकला इलाज़ नागपुर में एक निजी अस्पताल में बीस दिन तक इलाज चला लेकिन वहाँ भी कोई आराम नहीं मिला । हालत और भी गभीर हो चुकी थी पास में इतने पैसे भी नहीं थे कि नागपुर जैसी सिटी में वहाँ की अन्य अस्पताल का और खर्च उठा सके उस वक़्त गेंदा बाई की हालत इतनी नाजुक थी कि उसे ऑक्सीजन पर रखे हुए नागपुर से वापस घर जाने का कह दिया गया।

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दमोह लौटने के बाद और भी अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर समझकर अस्पताल में लेने से मना कर दिया गया । गंभीर अवस्था में महिला मरीज़ के परिजन मिशन अस्पताल पहुँचे। जिसे मिशन अस्पताल की महिला चिकित्सक डॉ हेप्सीबा ग्लोरी ने इलाज किया ख़ास बात ये रही कि 20 दिनों तक नागपुर में इलाज कराने के बाद भी कोई आराम नहीं मिला और ये कहकर वापस कर दिया गया कि अब इनकी सेवा करो। ऐसी हालत में दमोह के मिशन अस्पताल में उचित इलाज़ पाकर गेंदबाई और उसके परिवार ने राहत की सांस ली जो अब पूर्ण स्वास्थ है । जो कल तक यहाँ ऑक्सीजन पर आई थी आज खुद चलकर यहाँ डॉ को फिर से चेकअप कराने आई गेंदबाई डॉ और मिशन अस्पताल का आभार मान रही है ।

(क्या कहती हैं गेंदाबाई)

मैं लगातार 20 दिन नागपुर में वेंटिलेटर पर रही जहाँ इलाज चल मेरी हालत बहुत गंभीर थी उसी हालत में नागपुर से वापस दमोह भेज दिया गया ये कहकर की अब इनकी सेवा करें । हमारे पति भी उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन मेरे परिवार के लोग दिल की तसल्ली के लिए मिशन अस्पताल लेकर आये थे कि गाँव जाने से बेहतर यहीं मिशन अस्पताल में रखे यहाँ की महिला चिकित्सक ने चेकअप किया और उन्होंने कहा हम एक चान्स ले सकते हैं । भगवान ने चाहा सब ठीक होगा क्योंकि मेरी हालत ऐसी थी कि काफी दिनों से पलंग से उठी नहीं चलने फिरने से लाचार थी यहाँ मिशन अस्पताल में इलाज़ कराया तब जाकर पूरी तरह यहाँ आराम मिला सका आज मुझे जो दुबारा जीवन मिला बदौलत मिशन अस्पताल की मैं धन्यवाद करती हूँ मिशन अस्पताल और वहाँ के समस्त स्टाफ का।