लड़खड़ाती बल्लेबाजी को सुधारने पर बोली कप्तान हरमनप्रीत कौर, ऐसे किया जा सकता है सुधार

in #cwg2 years ago

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कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार शामिल हुई भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पास गोल्ड मेडल से शुरुआत करने का अच्छा मौका था। फाइनल मैच में फिर से बेहतर प्रदर्शन न कर पाने की वजह से गोल्ड मेडल से चूक गया और सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच हुए मैच में ऑस्ट्रेलिया ने 9 रन से मैच जीता।

इस मैच में भी भारतीय बल्लेबाजी उसी तरह से लड़खड़ा गई जैसे कि 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 विश्वकप और 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे विश्व कप के दौरान देखने को मिला था। टीम की कप्तान हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा कि हर बार बड़े फाइनल्स में हम बल्लेबाजी में लगातार एक जैसी गलतियां दोहरा रहे हैं। यह ऐसी चीज है जिसमें टीम को सुधार करना होगा। लीग चरण या द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में इस तरह की गलतियां नहीं करते हैं। यह कहीं ना कहीं हमारे दिमाग में घर कर गई है।
हरमनप्रीत ने कहा कि वह हमेशा एक अतिरिक्त बल्लेबाज की तलाश में रहती हैं। दो विकेट गंवाने के बाद जेमिमा और उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी की वह उस समय की जरूरत थी।टीम को संयमित होकर खेलने की जरूरत थी। टीम वास्तव में लक्ष्य के करीब थी।

अंतिम 6 ओवरों में थी 50 रन की जरूरत

भारत को अंतिम छह ओवर में 50 रन की दरकार थी और उसके पास आठ विकेट बचे हुए थे। भारत को तब आसानी से जीत दर्ज करनी चाहिए थी लेकिन उसने बल्लेबाजों के खराब शॉट चयन के कारण 13 रन के अंदर पांच विकेट गंवा दिए। हरमनप्रीत और जेमिमा रोड्रिगेज ने 96 रन की साझेदारी की लेकिन इन दोनों ने खराब शॉट खेलकर अपने विकेट गंवाए।

कॉमनवेल्थ गेम्स में रहा बेहतर प्रदर्शन

भारत भले ही फाइनल में हार गया लेकिन हरमनप्रीत राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान अपनी टीम के प्रदर्शन से खुश और संतुष्ट हैं। भारतीय कप्तान ने कहा कि हम स्वर्ण पदक जीतने के करीब थे लेकिन कुल मिलाकर हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। हम पहली बार इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे थे और हमें खुशी है कि हमने रजत पदक जीता।

खेल भावना का किया प्रदर्शन

ऑलराउंडर ताहिला मैकग्रा कोविड-19 के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई एकादश का हिस्सा होने पर भारतीय कप्तान ने कहा कि उन्होंने हमें टॉस से पहले इस बारे में सूचित किया था । यह ऐसी चीज है जो टीम के नियंत्रण में नहीं थी। राष्ट्रमंडल खेलों को इस बारे में फैसला करना था और वह बहुत बीमार भी नहीं थी। इसलिए टीम ने खेलने का फैसला किया। हमें खेल भावना दिखानी थी। खुशी की बात है कि ताहिला को मना नहीं किया गया।