बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा है लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति

in #banda8 days ago

बांदा 11 सितंबर:(डेस्क)बांदा में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर मानसिक रोग विभाग की पहल
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर बांदा के राजकीय महिला महाविद्यालय में मानसिक रोग विभाग की टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में छात्राओं के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।

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आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति
कार्यशाला में मानसिक रोग चिकित्सक ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में आत्महत्या की प्रवृत्ति सबसे अधिक है। यह चिंता का विषय है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी सोच को सकारात्मक बनाने की जरूरत है और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए।

कार्यशाला का उद्देश्य
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्महत्या जैसी घटनाओं से बचाने के उपायों के बारे में बताना था। इसके अलावा, छात्राओं में मानसिक रोगों के प्रति समझ बढ़ाना और उन्हें सहायता प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा की गई।

प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
कार्यशाला के दौरान छात्राओं के बीच एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में छात्राओं ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी समझ और जानकारी साझा की। प्रतियोगिता में भाग लेने वाली छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया।

मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
कार्यशाला ने छात्राओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। छात्राओं ने इस कार्यशाला से कई नए सीख हासिल की और उन्हें अपने जीवन में लागू करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे अब अपने आस-पास के लोगों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगी।

निष्कर्ष
बांदा में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर मानसिक रोग विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला एक महत्वपूर्ण पहल थी। यह कार्यशाला न केवल छात्राओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सफल रही, बल्कि उन्हें आत्महत्या जैसी घटनाओं से बचाने के उपायों के बारे में भी बताया। इस तरह की पहलों को और बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि बुंदेलखंड क्षेत्र में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके।