श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व चित्रकूट में धूमधाम से मनाया गया

चित्रकूट 27 अगस्त (डेस्क):-चित्रकूट। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को चित्रकूट में बड़ी धूमधाम और भक्ति भावना के साथ मनाया गया। धर्मनगरी के विभिन्न मंदिरों और घरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारी कई दिनों से चल रही थी। जैसे ही रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, मंदिरों में घंटे-घड़ियाल बजने लगे और भक्तों ने "हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की" के जयकारों के साथ पूरे माहौल को भक्तिमय कर दिया।

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परिक्रमा मार्ग स्थित राधाकृष्ण बांकेबिहारी मंदिर, भागवत पीठ, कामगिरि प्रमुखद्वार, निर्मोही अखाड़ा, रामघाट स्थित भरतमंदिर, तुलसी पीठ, जानकीमहल, पंजाबी आश्रम, संतोषी अखाड़ा सहित कई स्थानों पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया। रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को गंगाजल और चंद्रामृत से मंत्रोच्चारण के साथ स्नान कराया गया, जिसके बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना और आरती की गई। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और हर ओर भक्तिरस का वातावरण बना रहा।

इस उत्सव में इस्कॉन के भक्तों ने भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। बेड़ी पुलिया के पास स्थित कृष्ण कुंज बिहार में इस्कॉन ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव महापर्व मनाया, जिसमें हरीनाम संकीर्तन और भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। इस्कॉन मंदिर में भी बड़े पैमाने पर भक्तों ने भजन गाए और नृत्य किया। मानिकपुर कस्बा, राजापुर, मऊ, पहाड़ी, भरतकूप, और अन्य स्थानों पर भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया, जहां मंदिरों में झांकियां सजाई गईं और भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित लीलाओं का मंचन किया गया।

शहर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर लोगों ने उपवास रखा और रातभर जागरण किया। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के भजनों में खोकर अपनी भक्ति को प्रकट किया और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व चित्रकूट में हर साल की तरह इस बार भी बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया, जिसने पूरे शहर को एक आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।