धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब
धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब
वैज्ञानिकों ने कॉमेट के टुकड़ों के अध्य्यन से पाया कि इनमें हाईड्रोकार्बन मौजूद है। ये वही केमिकल होते हैं जो जीवन का आधार माने जाते हैं।
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हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 5 जून 2022 19:14 IST
ख़ास बातें
स्टारडस्ट मिशन के दौरान Comet Wild 2 का किया अध्य्य़न
इनमें हाईड्रोकार्बन मौजूद होते हैं जो जीवन का आधार माना जाता है
कुछ कॉमेट 25 हजार साल में पूरा करते हैं सूर्य का एक चक्कर
धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब
धूमकेतु सौरमंडल के निर्माण के समय से ही अंतरिक्ष मौजूद हैं।
हम अपने सौरमंडल के बारे में जानते हैं कि इसके ग्रह सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं। लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि सौरमंडल में ग्रहों के अलावा भी लाखों ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो बर्फ और धूल के बने हैं। इन्हें धूमकेतु (Comet) कहा जाता है। NASA कहती है कि धूमकेतु भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और ये धूल और बर्फ से बने बड़े बड़े खगोलीय पिंड होते हैं। अंतरिक्ष एजेंसी कहती है कि धूमकेतु आज से लगभग 4.6 खरब साल पहले बने थे जब सौरमंडल का निर्माण हुआ था। इन्हें इनकी जलती हुई या चमकती हुई पूंछ के कारण अधिक जाना जाता है।
आपके मन में भी यह सवाल आता होगा कि आखिर ये धूमकेतु आते कहां से हैं? नासा का कहना है कि ये सौरमंडल के मध्य में मौजूद हैं। इनमें से कुछ तो नेप्च्यून ग्रह के ऑर्बिट के बाहर भी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ तो छोटे ऑर्बिट लाइफ वाले कॉमेट होते हैं जो सूरज का एक चक्कर लगाने में 200 साल का समय लेते हैं। दूसरे कॉमेट सौर मंडल के बाहरी छोर पर घूमते हैं जिसे ऊर्ट क्लाउट (Oort Cloud) कहा जाता है। इनके बारे में एजेंसी का कहना है कि ये सूरज का एक चक्कर लगाने में 25 हजार साल तक का वक्त ले लेते हैं।