डिजिटल इंडिया अभियान का निरंतर आगाज़

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टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए क्रांतिकारी कदम है

डिजिटल इंडिया अभियान के विस्तारित नए आयामों, टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफार्म, प्रोग्राम लांच कर भारत दुनिया को दिशा दे रहा है - एड किशन भावनानी

गोंदिया - एक ज़माना था जब हमारे पूर्वज अपने जीवन में दिनचर्या के कार्यों की शुरुआत सुबह चार पांच बजे से करते थे!! दैनिक जरूरतों की सामग्री गांव से मीलों दूर पैदल चल कर लाते थे और अपने व्यापार, व्यवस्था, सेवा पर जाने भी मीलों दूर पैदल जाते थे!! देश में हो रही घटनाओं की जानकारी का पता चलने में कुछ दिन लग जाते थे!! जंगलों से लकड़ियां, तालाब कूओं से पानी लाने से लेकर गेहूं पीसनें से लेकर तीन ईटें लगाकर चूल्हे पर रोटी पकानें तक का सफर महिलाओं ने बहुत बंदिशों में रहकर किया इस तरह की चर्चाओं में हम कई किताबें लिख सकते हैं परंतु एक बात हमें मानना पड़ेगा कि हमारे पूर्वजों ने आज के डिजिटल इंडिया युग की दूर-दूर तक का कल्पना भी नहीं की होगी कि हम चांद पर भी मकान बना सकने पर, काम कर रहे हैं बस!! बाकी एक काम रह गया है कि मनुष्य योनि में जीवन कैसे आता है और ऐसा क्या निकल जाता है कि मनुष्य निर्जीव हो जाता है? मेरा मानना है कि यह रहस्य मानवीय जीव ज्ञात नहीं कर सकता याने कुदरत की अनमोल प्रक्रिया का भेद नहीं जान सकता। हालांकि डिजिटल प्रौद्योगिकी के बल पर आज हमने सबकुछ प्राप्त कर लिया है और आगे भी करते रहेंगे क्योंकि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से डिजिटल इंडिया अभियान, डिजिटल इंडिया सप्ताह के माध्यम से चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम डिजिटल इंडिया अभियान की करें तो, मीडिया के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत, केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन सरकारी सेवाएं प्रदान करना था। इसे पूरे देश में बुनियादी ढांचे में वृद्धि और इंटरनेट कनेक्शन में सुधार को देखते हुए लागू किया गया था।
साथियों डिजिटल इंडिया अभियान विभिन्न उद्देश्यों के उपयोग के लिए प्रत्येक नागरिक को एक डिजिटल बुनियादी ढांचा प्रदान करता है। यह प्रत्येक नागरिक के डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ मांग पर शासन और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। इसके लिए आदर्श वाक्य कहता है,शक्ति को सशक्त बनाना। पहल कई प्रचलित योजनाओं को फिर से डिजाइन करने पर भी विचार करती है जो एक सिंक्रनाइज़ तरीके से निष्पादित हो सकती हैं।
डिजिटल इंडिया अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट शामिल है। यह सागरमाला, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, भारतमाला, भारतनेट जैसी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थी के रूप में कार्य करता है। यह कई विचारों और विचारों को एक प्रमुख लक्ष्य के हिस्से के रूप में लेने के साथ एक अच्छी व्यापक दृष्टि में मिला देता है।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा दिनांक 4 जुलाई 2022 को डिजिटल इंडिया सप्ताह समारोह में जिसका विषय नवभारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा था। कार्यक्रम में संबोधन की करें तो पीआईबी के अनुसार उन्होंने भी कहा, समय के साथ जो देश आधुनिक तकनीक को नहीं अपनाता, समय उसे पीछे छोड़कर आगे निकल जाता है। तीसरी औद्योगिक क्रांति के समय भारत इसका भुक्तभोगी रहा है। लेकिन आज हम गर्व से कह सकते हैं कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति, इंडस्ट्री 4.0 में दुनिया को दिशा दे रहा है।' इसमें भी एक तरह से पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने के लिए उन्होंने गुजरात की प्रशंसा की।
आज का कार्यक्रम 21वीं सदी में भारत के निरंतर आधुनिकीकरण की एक झलक प्रस्तुत करता है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से भारत ने उदाहरण पेश किया है कि प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए कितना क्रांतिकारी है। उन्होंन कहा कि जन्म प्रमाणपत्र, बिल जमा करने, राशन, प्रवेश, रिजल्ट और बैंकों के लिए भी लाइन लगती थी, इतनी सारी लाइनों का समाधान भारत ने ऑनलाइन होकर कर दिया है। उन्होंने कहा कि आज वरिष्ठ नागरिकों के जीवन प्रमाण पत्र, आरक्षण, बैंकिंग आदि सेवाएं डिजिटल होने से वे सुलभ, तेज और सस्ती हो गई हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया का 40 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारे डिजिटल समाधानों में स्केल है, ये सुरक्षित हैं और इनमें लोकतांत्रिक मूल्य हैं।उन्होंने बताया, आज भारत अगले तीन से चार वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को 300 अरब डॉलर से ऊपर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। भारत अब चिप लेने वाले से चिप देने वाला बनना चाहता है। सेमीकंडक्टर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारत में निवेश तेजी से बढ़ रहा है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि डिजिटल इंडिया अभियान अपने आप में नए आयाम जोड़ता रहेगा और देश के नागरिकों की सेवा करता रहेगा। उन्होंने बताया कि आने वाले 4-5 वर्षों में इंडस्ट्री 4.0 के लिए 14-15 लाख युवाओं के स्किलिंग, अपस्किल और रीस्किलिंग पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष हो, मैपिंग, ड्रोन, गेमिंग और एनिमेशन हो, ऐसे कई सेक्टर हैं जो डिजिटल तकनीक के भविष्य को विस्तार देने जा रहे हैं, उन्हें नवाचार के लिए खोल दिया गया है। इंन-स्पेस और नई ड्रोन नीति जैसे प्रावधान इस दशक में आने वाले वर्षों में भारत की तकनीक क्षमता को नई ऊर्जा देंगे। विस्तार डिजिटल टेक्नोलॉजी-
(1)डिजिटल इंडिया भाषिणी' नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में डिजिटल पहल से जोड़कर सशक्त बनाएगी। (2)इंडियास्टैक डॉट ग्लोबल - आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, कोविन टीकाकरण प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम), दीक्षा प्लेटफॉर्म और आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन जैसी इंडिया स्टैक के तहत चल रहीं प्रमुख परियोजनाओं का वैश्विक भंडार है। वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल भंडार की भारत की पेशकश जनसंख्या के पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाओं के निर्माण में देश को अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा और यह अन्य देशों के लिए बहुत मददगार साबित होगा, जो ऐसी तकनीकी समाधानों की तलाश में हैं।(3)मेरी पहचान'- नेशनल सिंगल साइन-ऑन (एनएसएसओ) एक उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण सेवा है, जिसमें निजी जानकारी का एक सेट, कई ऑनलाइन एप्लिकेशन या सेवाओं तक पहुंच प्रदान करता है। (4)माईस्कीम' - सरकारी योजनाओं तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए यह एक सेवा खोजने वाला प्लेटफॉर्म है। यह वन-स्टॉप सर्च और डिस्कवरी पोर्टल के तौर पर खुद को पेश करता है जहां यूजर्स उन योजनाओं को ढूंढ सकते हैं जिसके लिए वे पात्र हैं।
(5)डिजिटल इंडिया जेनेसिस' (इनोवेटिव स्टार्टअप्स के लिए जेन-नेक्स्ट सपोर्ट) - भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में खोजने, सहयोग, विकास करने और सफलस्टार्टअप बनाने के लिए एक राष्ट्रीय डीप-टेक स्टार्टअप कार्यक्रम है। इस योजना के लिए कुल 750 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि डिजिटल इंडिया अभिमान का निरंतर आगाज़!!टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल पूरी मानवता के लिए क्रांतिकारी कदम है। डिजिटल इंडिया अभियान के विस्तारित नए आयामों, टेक्नोलॉजी के नए प्लेटफार्म,प्रोग्राम लांच कर भारत दुनिया को दिशा दे रहा है।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र