पेरई स्कूल में बच्चों ने मनाया ढेढिया पर्व, शिक्षकों ने किया सहयोग
कौशांबी
द्वाबा क्षेत्र का स्थानी़य पर्व ढ़ेढिया जो भाइयों की मंगल कामना के लिए मनाया जाता है । इस दिन रक्षा बंधन और भाई दूज की तरह ही बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका कर उन्हें मिठाई खिलाती हैं. इसके बाद फिर झरोखेदार ढेड़िया से भाइयों की नजर उतारती हैं. परंपरा के मुताबिक जलते हुए दीये के साथ ढेढ़िया को भाइयों के माथे से सात बार छुआते हुए बहने उनके मंगल की कामना करती हैं । इसके बाद जलते दीये के साथ ही ढेढ़िया को चौराहे पर ले जाकर फेंक दिया जाता है. इससे ढेढ़िया के साथ साथ भाइयों की बाधाएं भीं दूर हो जाएं तथा इसके पीछे मान्यता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करके अयोध्या लौट रहे थे तो सर्वप्रथम प्रयागराज की पावन धरती पर पुणे संगम दर्शन और पूजन के लिए पधारे थे। उस समय प्रयागराज की स्त्रियों ने प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की आरती उतार कर स्वागत किया था । इसी के तहत शनिवार kob कम्पोजिट विद्यालय पेरई में अन्तिम कालांश में बच्चों के बीच ढेढ़िया त्यौहार धूमधाम से मनाया गया तथा साथ ही सभी को इस त्यौहार के महत्व के बारे में शिक्षक हरिओमसिंह द्वारा बिस्तार से बताया गया एवं अन्त में सभी को मिष्ठान वितरण किया गया। कार्यक्रम में प्र०अ० श्रीमती सत्यवती देवी प्रतिमा कुमारी , सोनी गुप्ता ,एवं अर्चना सिंह तथा सहयोगी शिक्षक साथी हुबलालबर्मा जी मौजूद रहे।