भूमि अधिग्रहण घोटाला: घोटालेबाजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है,

in #fraud22 days ago

बरेली 28 अगस्तः (डेस्क)बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे के लिए भूमि अधिग्रहण में लगभग 50 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है, जिससे संबंधित प्रक्रिया को रोक दिया गया है।

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Image credit: Amar ujala

इस मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

घोटाले का विवरण
यह घोटाला 71 किलोमीटर लंबे हाईवे के भूमि अधिग्रहण में हुआ है, जिसमें मुआवजे की राशि में अनियमितताएँ पाई गई हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कई फाइलों पर फर्जी दस्तखत किए गए थे। एनएचएआई की एक जांच समिति ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित फाइलों का सत्यापन करने का निर्णय लिया है।

अधिकारियों की कार्रवाई
इस घोटाले के उजागर होने के बाद, एनएचएआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीडी और एक क्षेत्रीय अधिकारी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। जांच में यह भी पता चलेगा कि फर्जीवाड़े की फाइलों पर और किन-किन अधिकारियों के हस्ताक्षर थे।

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में रुकावट
घोटाले के कारण भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को रोक दिया गया है, जिससे परियोजना में देरी हो सकती है। स्थानीय प्रशासन ने सभी फाइलों का पुनः मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

निष्कर्ष
यह मामला न केवल प्रशासनिक भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे बड़े विकास परियोजनाओं में वित्तीय अनियमितताएँ हो सकती हैं। आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन से लोग शामिल हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।