मजदूर की हत्या करने वाले बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा जाएगा, हाथियों की मदद से निगरानी बढ़ाई गई।
पीलीभीत 11 सितम्बर:(डेस्क)पीलीभीत के कलीनगर क्षेत्र में मजदूर को मारने वाले बाघ को पकड़ने की कवायद तेज हो गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव (पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ) से बाघ को पकड़ने की अनुमति मिलने के बाद वन विभाग के अफसरों ने सतर्कता बढ़ा दी है। कई टीमें बाघ की चहलकदमी पर नजर बनाए हुए हैं।
घटना की पृष्ठभूमि
पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के जंगल से सटे खेत पर रखवाली करते समय बाघ ने बासखेड़ा गांव निवासी मजदूर केदारीलाल को मार दिया था। उसका शव जंगल के अंदर से बरामद किया गया था। परिजन रखवाली के दौरान हमला कर शव को जंगल में खींच ले जाने की बात कर रहे थे, वहीं विभागीय अफसर जंगल के अंदर की घटना बता रहे थे।
घटना को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखा गया। ग्रामीणों ने बाघ को पकड़ने की मांग को लेकर हाईवे पर जाम भी लगाया था। जिसके बाद हरकत में आए वन अफसरों ने घटनास्थल के निकट जंगल क्षेत्र में एक पिंजरा लगाया। इसके साथ ही बाघ को बेहोश कर पकड़ने के लिए भी विभागीय मुख्यालय से पत्राचार किया गया।
बाघ को पकड़ने की कवायद तेज
मंगलवार को पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ की ओर से बाघ को पकड़ने की अनुमति मिल गई। जिसके बाद अफसरों ने योजना बनाकर बाघ की निगरानी बढ़ा दी। अफसरों का कहना है कि ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट की मौजूदगी में बाघ को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। डीएफओ मनीष सिंह ने बताया कि बाघ को पकड़ने की अनुमति मिल गई है।
हाथियों की मदद से बढ़ाई गई निगरानी
माला रेंज से सटे इलाके में बाघ की निगरानी बढ़ा दी गई है। पिंजरा लगाने के साथ ही दो हाथियों की मदद भी ली जा रही है। हाथियों से बीहड़ क्षेत्र में बाघ पर नजर रखी जा रही है। मंगलवार दोपहर बाद ट्रेंकुलाइज एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार भी मौके पर पहुंचे।
जंगल सीमा पर लगाए गए कैमरे
घटना के बाद बाघ की निगरानी बढ़ा दी गई है। जंगल सीमा पर पिंजरा लगाने के साथ उसकी चहलकदमी पर नजर रखने के लिए कैमरे भी लगाए गए हैं। इसके अलावा एसडीओ रमेश चौहान के नेतृत्व में टीम लगातार बाघ की निगरानी में जुटी है। हालांकि घटना के बाद से जंगल से बाहर बाघ की चहलकदमी नहीं दिखाई दी है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे बाघ को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से भी सहयोग मांगा है और कहा है कि वे जंगल क्षेत्र में जाते समय सावधान रहें और किसी भी प्रकार की गतिविधि देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचित करें।