आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय के बाहर किया विरोध प्रदर्शन

आजमगढ़ 30 अगस्तः (डेस्क)आंगनबाड़ी कर्मचारियों का प्रदर्शन: मांगों को लेकर डीएम कार्यालय में किया ज्ञापन

IMG_20240813_222851_788.jpg

आजमगढ़ में आंगनबाड़ी कर्मचारी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष हेमा गुप्ता के नेतृत्व में बृहस्पतिवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने तीन सूत्री ज्ञापन डीएम कार्यालय में दिया, जिसमें मानदेय वृद्धि, पदोन्नति और राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग की गई।

मुख्य मांगें:

• मानदेय में वृद्धि

• पदोन्नति का प्रावधान

• राज्य कर्मचारी का दर्जा

• इस मौके पर निरत्नाप्रिया, गुंजा बरनवाल, सीताराय, किरन नैय्यर, रेखा बिंद सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहीं।

आंगनबाड़ी कर्मचारियों की समस्याएं
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन उनकी मांगों और समस्याओं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। कार्यकर्ताओं का मानदेय बहुत कम है और उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा भी नहीं मिला है। इसके अलावा, पदोन्नति के अवसर भी सीमित हैं।

पिथौरागढ़ में भी किया प्रदर्शन
पिथौरागढ़ में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगठन ने आठ सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। बुधवार को जिला मुख्यालय में कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर आक्रोश जताया।

हल्द्वानी में मानदेय कटौती पर हुआ प्रदर्शन
हल्द्वानी में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय कटौती को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने बुधवार को तिकोनिया स्थित बुद्ध पार्क में कार्यबहिष्कार करते हुए धरना-प्रदर्शन किया और कहा कि उनका बेवजह शोषण किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन
छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के तत्वावधान में वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन किया गया। संघ की परियोजना अध्यक्ष मंजू मेश्राम ने बताया कि इस शिविर में कुल 215 लोगों को वैक्सीन लगाया गया।

सरकार से मांगों को लेकर लगातार संघर्ष जारी
आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर शीघ्र ही उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे।

सरकार से मांग है कि आंगनबाड़ी कर्मचारियों के मानदेय में वृद्धि की जाए, उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और पदोन्नति के अवसर बढ़ाए जाएं। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों के लिए लड़ाई जारी रखेंगी और अगर जरूरी हुआ तो आंदोलन भी करेंगे।