मनमानी का अड्डा बने सभी स्कूल ? .प्राइवेट व सरकारी स्कूलों की नहीं हो रही नियमित जांच...

मण्डला इस समय मध्यप्रदेश के मंडला जिले में लगभग सभी स्कूल शुरू हो चुके हैं। भारी अव्यवस्थाओ के साथ सरकारी व प्राइवेट स्कूलों का संचालन तो शुरू हो गया है लेकिन स्कूली बच्चे अत्यंत परेशान हो रहे हैं। अभिभावकों की परेशानी भी बच्चों की ओर से बढ़ी हुई है। सभी प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में गंदगी, लापरवाही व मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई है। स्कूल भवनों की हालत अत्यंत खस्ता हो गई है। स्कूल तो शुरू कर दिये गये हैं लेकिन तमाम तरह की समस्याओं का निराकरण करने में घोर लापरवाही बरती जा रही है। सरकारी स्कूलों के साथ साथ प्राईवेट स्कूलों की साप्ताहिक या नियमित जांच पड़ताल नहीं होने की वजह से मनमानी का सिलसिला थम नहीं रहा है। लगभग सभी स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है यानहीं की जा रही है। कुल मिलाकर पढ़ाई लिखाई पूरी तरह ठप्प पड़ी है। सरकारी स्कूलों के मास्टर अपडाउन कर रहे हैं जिससे भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्राइवेट स्कूलों में क्या पढ़ाया जा रहा है इस विषय पर सरकार कोई जांच नहीं कर रही है। बच्चों का भविष्य दिनों दिन चौपट होता जा रहा है। और गहरी नींद में सरकार यहां पर सोई हुई है। जनापेक्षा है प्राईवेट व सरकारी स्कूलों की विशेष जांच की जावे और तमाम तरह की समस्याओं का निराकरण किया जावे।नहीं इस विषय पर कोई विशेष जांच पड़ताल शायद नहीं हो रही है। जबकि यह विषय मुख्य है। कोरोना गाईड लाइन का पूरा पालन स्कूलों में कराया जाए। प्राथमिक चिकित्सा से संबंधित सभी सामग्री स्कूलों में मौजूद कराई जाए। छात्र/छात्राओं की नियमित जांच पड़ताल कराने के लिए विशेष रूप से स्कूलों में ध्यान दिया जा रहा है या नहीं इस विषय में सही जानकारी सार्वजनिक नहीं हो रही है। प्राईवेट व सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। शौचालय व पेयजल की व्यवस्था संतोषजनक नहीं है। कच्ची सामग्री सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में वितरण की जा रही है। जबकि बच्चे व अभिभावक चाह रहे हैं कि पका हुआ भोजन जो पहले स्कूल में ही मिलता है वह प्रदाय किया जाए। इस पर भी विशेष ध्यान नही दिया जा रहा है। सभी प्रकार की औपचारिकता प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में स्कूल संचालन के लिए पूरीScreenshot_2022-09-12-06-23-19.png